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अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया

१४ जून २०१९

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने टैंकर हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार बताया है. अमेरिका ने कहा कि वह खाड़ी क्षेत्र में अपने कारोबारी साझेदारों की रक्षा करेगा. यूरोपीय संघ ने दोनों देशों को संयम बरतने की सलाह दी है.

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Golf von Oman Öltanker Front Altair
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Tasnim News Agency

ओमान में खाड़ी में गुरुवार को दो टैंकरों पर हुए संदिग्ध हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं ईरान ने ऐसी किसी भी घटना में शामिल होने से साफ इनकार किया है. अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के चलते दुनिया भर में तेल की कीमतों में उछाल आया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने साफ किया है कि वॉशिंगटन इस क्षेत्र में अपने साथियों की रक्षा करेगा.

इस बीच यूरोपीय संघ ने भी अमेरिका और ईरान दोनों को ही "अधिकतम संयम" बरतने की सलाह दी है. वहीं संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा है कि खाड़ी में पूरा विश्व कोई भी बड़ा टकराव नहीं झेल सकता है. पोम्पोए के मुताबिक इस हमले में ईरान के शामिल होने के सारे सबूत है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नौसेना ने साबुत मैग्नेंट लिमपेंट माइन देखी थी जिसमें से एक जहाज में चिपक गई थी. लिमपेट माइन एक तरह की चुंबकीय बारुदी सुरंगें होती हैं जिन्हें निशाने पर चिपकाया जाता है.

अमेरिका ने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में ईरान के पास ही ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देने की ताकत है. पोम्पोए ने कहा, "यह अमेरिका का आकलन है कि इस हमले के लिए ईरान ही जिम्मेदार है." वहीं ईरान ने इस हमले को संदिग्ध बताया है.

गुरुवार को जिन टैंकरों को निशाना बनाया गया उनमें से एक नॉर्वे का था. नॉर्वेजियन समुद्री प्राधिकरण ने कहा कि उसके 'फ्रंट अल्टेयर' जहाज के ईथेनॉल टैंकर में तीन धमाके हुए और वह गुरुवार देर रात तक जलता रहा. वहीं ईरान का दावा है उसकी नौसेना ने कई दर्जन नाविकों को बचाया. अमेरिका ने 12 मई को संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह शहर फुजाइरा में समुद्री जहाजों के बीच चार टैंकरों पर हुए हमले के लिए भी ईरान को जिम्मेदार ठहराया था.

पोम्पोए ने कहा कि अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते ईरान ऐसे काम कर रहा है लेकिन उसे आम नागरिकों पर हमला करने का कोई अधिकार नहीं है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "अमेरिका अपनी सेना और हितों समेत अपने साथियों और वैश्विक व्यापार में क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा करेगा."

होरमुज जलडमरूमध्य के नजदीक हुए इस हमले से दुनिया भर में तेल की कीमतों में उछाल आया है. इस समुद्री मार्ग से दुनिया का तकरीबन 20 फीसदी तेल कारोबार होता है. 

इंटरनेशनल क्राइसिसस ग्रुप की वरिष्ठ विश्लेषक एलिजाबेथ डिकिंसन मानती हैं, "हमले के इस पैर्टन को देखते हुए माना जा सकता है कि हम अभी खतरे की स्थिति में है. किसी भी तरह की चूक सीधे टकराव को न्यौता दे सकती है."

यह हमला उस वक्त हुआ जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपनी ईरान यात्रा पर थे. आबे ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, "जरूरी है कि ईरान मध्यपूर्व में शांति और स्थिरता बनाए रखने में एक अहम और रचनात्मक भूमिका निभाए."

वहीं ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामेनेई ने आबे की बात के जवाब में कहा, "हमें आपकी नेक नीयत पर कोई शक नहीं है लेकिन आपने जो कहा उसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने आपसे कहने को कहा. मैं ट्रंप को ऐसा इंसान नहीं मान सकता जिस पर भरोसा किया जाए."

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एए/आरपी (एएफपी)

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