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टूटी फलीस्तीनी उम्मीदों का एयरपोर्ट

१३ सितम्बर २०१८

अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में पहले फलस्तीनी एयरपोर्ट का खुलना आजादी और शांति की उम्मीदों का प्रतीक था. ये उम्मीदें 25 साल पहले हुई ओस्लो संधि ने जगाई थीं.

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Gazastreifen Ruine Yasser Arafat International Airport
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Khatib

25 साल पहले 13 सितंबर 1993 को ओस्लो में फलस्तीनी और इस्राएली नेताओं द्वारा तय की गई ऐतिहासिक संधि की तरह आजादी का फलस्तीनियों का सपना और गाजा एयरपोर्ट भी बेहाल पड़ा है. कंक्रीट का बना अराइवल हॉल तो है लेकिन बाकी सब मलबे में दबा है. यह पिछले सालों में हुए युद्ध और नजरअंदाज किए जाने का नतीजा है. एयरपोर्ट के मुख्य इंजीनियर दैफल्लाह अल अखरास टर्मिनल के अपने पिछले दौरे पर रोने लगे, "हमने संप्रभुता के प्रतीक के तौर पर एयरपोर्ट बनाया था. अब आप बर्बादी और खंडहर के अलावा कुछ नहीं देखते."

1998 में गाजा का एयरपोर्ट खुला तो वह ओस्लो संधि के साकार प्रतीकों में एक था. बहुत से लोगों को लगा था कि इस संधि के बाद मध्यपूर्व में शांति आएगी और फलस्तीनियों को अपना देश मिलेगा. लेकिन विवादों के समाधान के बिना ही पांच साल का संक्रमण काल बीत गया. संधि पर दस्तखत करने वाले इस्राएली प्रधानमंत्री इत्साक रबीन की एक यहूदी कट्टरपंथी ने हत्या कर दी थी और विवादों का हल नहीं निकल रहा था. फिर भी एयरपोर्ट के उद्घाटन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन गाजा पहुंचे थे. वरिष्ठ फलस्तीनी अधिकारी नाबिल साथ बताते हैं कि एयरपोर्ट और गाजा में बनने वाला हार्बर फलस्तीनियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था. लेकिन हार्बर का विस्तार कभी नहीं हुआ.

USA Weißes Haus Unterzeichnung von Oslo 1  Präsident Bill Clinton (M) Israels Premierminister Yitzhak Rabin und PLO Vorsitzender Jassir Arafat
रबीन, क्लिंटन और अराफाततस्वीर: picture-alliance/CPA Media

क्लिंटन के दौरे के करीब दो साल बाद ही ओस्लो समझौता चरमरा रहा था और दूसरा फलस्तीनी इंतिफादा शुरू हो गया था. इस्राएल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने के लिए शुरू हुआ इंतिफादा पांच साल तक चला. उद्घाटन के तीन साल बाद 2001 में इस्राएली सैनिकों ने हवाई अड्डे पर बमबारी की और रनवे तथा कई इमारतों को नष्ट कर दिया. सात साल बाद जब पीएलओ को खदेड़कर इस्लामी कट्टरपंथियों ने गाजा पर कब्जा कर लिया तो और बमबारी हुई, और बर्बादी हुई. पिछले 20 साल में वहां न कोई विमान उतरा है और न ही वहां से उड़ान भरी गई है.

हाल के महीनों में हवाई अड्डा इस्राएल के खिलाफ नए प्रदर्शनों का गवाह बना है. 30 मार्च को शुरू हुए नए झगड़े में गाजा में एक इस्राएली और 176 फलीस्तीनी मारे गए हैं. एएफपी संवाददाता के साथ एयरपोर्ट के दौरे पर गए गाजा विमानन प्राधिकरण के जुहैर जोमलोट ने कहा, "एयरपोर्ट कभी हजारों यात्रियों से भरा होता था. हम यहां राष्ट्रपतियों और विश्व नेताओं का स्वागत करते थे. आज ये खंडहर पड़ा है."

एमजे/एके (एएफपी)