झूठे और निराधार हैं यौन उत्पीड़न के आरोप: अकबर
१४ अक्टूबर २०१८एमजे अकबर विदेशी दौरे से रविवार को भारत वापस लौटे. नई दिल्ली के एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद अकबर ने कहा कि वह खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बयान जारी करेंगे.
अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों की बौछार के जवाब में मंत्री ने कहा, "बाद में इस पर बयान जारी किया जाएगा."
दोपहर बाद विदेश राज्य मंत्री ने कहा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे और निराधार हैं और वह इसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. अकबर ने कहा, "कुछ हिस्सों को सबूत के बिना आरोप लगाने का संक्रामक बुखार हो गया है. मामला जो भी हो, अब मैं लौट (विदेश दौरे से) चुका हूं और आगे की कार्रवाई के लिए मेरे वकील इन बेबुनियाद और निराधार आरोपों की पड़ताल करेंगे."
उन्होंने आरोपों को एजेंडे का हिस्सा बताते हुए सवाल किया कि कुछ महिला पत्रकार, जिनके साथ उन्होंने काम किया था, वे आम चुनाव से पहले आरोप क्यों लगा रही हैं? यौन उत्पीड़न के खिलाफ #Metoo अभियान के जोर पकडने के बाद कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर उस समय यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जिस दौरान वह कई समाचार पत्रों में संपादक रहे थे.
भारत में मुखौटों को चकनाचूर करता #Metoo
चार दशक तक पत्रकारिता में सक्रिय रहने वाले एमजे अकबर ने कई बड़े मीडिया हाउसों में काम किया. एशियन एज में अकबर के साथ काम कर चुकी एक महिला पत्रकार ने अपने अनुभव भारतीय न्यूज पोर्टल द वायर में लिखे हैं. गजाला वहाब ने अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए लिखा, "1997 के पतझड़ के दौरान, एक बार में झुककर डिक्शनरी देख रही थी, तभी वह चुपके से मेरे पीछे आए और मुझे कमर से पकड़ लिया. मैं डर के मारे लड़खड़ा गई. वह हाथ मेरे स्तनों से लेकर कूल्हों तक ले गए." वहाब ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके साथ अकबर ने ऐसा यौन दुर्व्यवहार एक बार नहीं बल्कि कई बार किया. मैनेंजमेंट ने भी उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया. आखिर में वहाब को नौकरी छोड़नी पड़ी.
वरिष्ठ महिला पत्रकार प्रिया रुमाली ने भी अकबर पर कुछ ऐसे ही आरोप लगाए हैं. एशियन एज में इंटर्नशिप कर चुकी एक अमेरिकी पत्रकार ने भी एमजे अकबर पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
(बॉलीवुड को हिलाता #Metoo)
ओएसजे/आईएएनएस