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जोशुआ वांग ने जर्मनी से हस्तक्षेप की अपील से किया इनकार

४ जुलाई २०२०

जानेमाने लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जोशुआ वांग ने कहा है कि उन्होंने कभी जर्मनी से हांगकांग के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग नहीं की. उन्होंने कहा कि जर्मन अखबार ने गलत खबर छापी.

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Joshua Wong
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Kumm

जर्मनी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार 'बिल्ड' में इंटरव्यू छपने के एक दिन बाद हांगकांग के प्रमुख लोकतंत्र कार्यकर्ता वांग ने अखबार पर गलत बयान छापने का आरोप लगाया है. नए विवादित कानून के तहत वांग को अपने बयान के लिए कैद हो सकती थी. अखबार में छपे बयान के अनुसार उन्होंने कहा था, "मैं जर्मन सरकार से कहता हूं: देखिए हांगकांग में क्या हो रहा है और इस अन्याय पर आवाज उठाइए."

लेकिन ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि पिछले एक हफ्ते में उन्होंने बिल्ड अखबार से कोई बात ही नहीं की और अपने किसी भी इंटरव्यू में "अन्याय" शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, "मुझे बताया गया है कि मैंने एक मीडिया इंटरव्यू में जर्मन सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है. यह खबर सही नहीं है.." अपने ट्वीट में 23 वर्षीय वांग ने आगे लिखा, "मैं हर उस एक्टिविस्ट की सराहना करता हूं जो हांगकांग पर बात करने के लिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है. मेरा मानना है कि सटीक रिपोर्टिंग हांगकांग की आजादी को बचाने का एक अहम जरिया है."

डीडब्ल्यू ने खबर वापस ली

डॉयचे वेले भी उन मीडिया संस्थानों में से एक है जिन्होंने बिल्ड अखबार में छापे इंटरव्यू के आधार पर खबर छापी थी. इस खबर को अब हटा लिया गया है. हमने जब बिल्ड से इस बारे में बात करनी चाही, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया. हमने पाया कि 22 मई को एक अन्य इंटरव्यू में वांग ने कहा था, "मैं जर्मन सरकार और चांसलर मैर्केल से हांगकांग के साथ खड़े रहने की अपील करता हूं."

इसी हफ्ते वांग ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को चलाने के लिए बने डेमोसिस्टो समूह में अपना पद छोड़ दिया. आशंका थी कि चीन का नया सुरक्षा कानून लागू होने के बाद इस समूह को निशाना बनाया जाएगा. ऐसे में डेमोसिस्टो को खत्म कर दिया गया. चीन का कहना है कि नए कानून का मकसद हांगकांग में अलगाववाद, देशद्रोह, आतंकवाद और विदेशी ताकतों के साथ साठगांठ से निपटना है. लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसके जरिए इस अर्ध-स्वायत्त इलाके में विरोध की आवाजों को दबाया जाएगा. इस कानून के तहत बुधवार से कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

हांगकांग 1997 में चीन को सौंपा गया था. उससे पहले वहां ब्रिटिश शासन था. जब हांगकांग का हस्तांतरण हुआ तो चीन ने "एक देश, दो व्यवस्था" का वादा किया था. इसके तहत इस शहर को कुछ स्वायत्तता और बाकी चीन की तुलना में यहां के लोगों के पास ज्यादा अधिकार देने का वादा किया गया. लेकिन अब कुछ पर्यवेक्षक नए तथाकथित सुरक्षा कानून को स्वायत्तता के वादे के साथ खिलवाड़ मानते हैं.

एके/आईबी (एएफपी, डीपीए)

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