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जेल से हैलो कहेंगे तमिलनाडु के कैदी

२५ जून २०११

दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु की जेलों में कैदियों को टेलीफोन करने की सुविधा दी जाएगी. टेलीफोन की मदद से कैदी अपने परिवारजनों और वकील से बात कर सकेंगे. कनेक्शन लेने के लिए पैसा कैदियों के रिश्तेदारों को देना होगा.

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तस्वीर: Bilderbox

जेल की कोठरी में घुटने वाले तमिलनाडु के 13,000 अब रिश्तेदारों से अपना दुख, दर्द साझा कर सकेंगे. वह बता सकेंगे कि उनकी तबियत कैसी है, उन्होंने कुछ खाया है नहीं. हाल के समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां रसूखदार कैदी मोबाइल फोन पर बात करते हुए पकड़े गए. अधिकारियों को पता चला कि एक जेल वॉर्डन की मदद से कुछ प्रभावशाली कैदियों ने खूब फोन घनघनाए. वॉर्डन को हर फोन के बदले 10 रुपये चुकाए जाते रहे.

इन मामलों के सामने आने के बाद तमिलनाडु पुलिस हर कैदी को टेलीफोन सुविधा देने की योजना बना रही है. राज्य के जेल विभाग के अधिकारी के मुताबिक तीन महीने के भीतर हर सेंट्रल जेल में लैंडलाइन टेलीफोन लगाए जाएंगे. टेलीफोन की सुविधा पाने के लिए कैदियों के रिश्तेदारों को 30 रुपये एंडवास देने होंगे. सुविधा लेने के बाद 30 रुपये प्रतिमाह फीस देनी होगी.

कोई भी कैदी सिर्फ दो नंबरों पर ही फोन कर सकेगा. एक फोन नंबर उसके घरवालों का होगा, जबकि दूसरा वकील का. इनके अलावा कहीं तीसरी जगह फोन करने से पहले कैदियों को जेल प्रशासन की अनुमति लेनी होगी. बिना आज्ञा लिए चोरी चुपके तीसरे नंबर पर अगर फोन किया गया तो कॉल रिकॉर्ड होगा.

जेल प्रशासन के कदम की सराहना की जा रही है लेकिन कुछ संशय भी बरकरार हैं. अभी यह साफ नहीं हुआ है कि क्या टेलीफोन की सुविधा उन कैदियों को भी दी जाएगी जिनके खिलाफ जांच चल रही है. ऐसी स्थिति में हो सकता है कि टेलीफोन के जरिए कुछ कैदी बाहर मौजूद सबूतों से छेड़छाड़ करवा दें. लेकिन अगर हर कॉल रिकॉर्ड हुए तो मुकदमों में आरोपी कैदियों के कुछ राज भी खुल सकते हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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