जीत का सिलसिला कायम रखने को तैयार भारत
१ दिसम्बर २०१०भारतीय टीम में बल्लेबाजी की दुनिया के बड़े नाम फिलहाल नहीं खेल रहे हैं और विराट कोहली का प्रदर्शन उनकी अनुपस्थिति में भरोसा पैदा करता है. सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग के अलावा जहीर खान और हरभजन सिंह को आराम दिया गया है. गुवाहाटी वनडे में विराट कोहली के शानदार शतक की बदौलत भारत ने मजबूत स्कोर खड़ा किया जो 40 रन से मैच जीतने में मददगार साबित हुआ.
जयपुर में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है और पिछले 10 मैचों में भारत ने 6 में जीत हासिल की है. गुवाहाटी में युवराज सिंह के बल्ले से रन निकले और यह भारत और युवराज सिंह दोनों के लिए अच्छा संकेत है. युवराज पूरी तरह से तो अपने रंग में नजर नहीं आए लेकिन उन्होंने 42 रन जरूर बनाए. युवराज के लिए हाल का समय अच्छा नहीं रहा है. पहले वह टीम से बाहर रहे और फिर बीसीसीआई ने उनके कॉन्ट्रैक्ट का स्तर घटाकर बी कर दिया.
धोनी की गैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे गौतम गंभीर गुवाहाटी में जितनी देर क्रीज पर रहे उतने समय उन्होंने विश्वास से बल्लेबाजी की. वर्ल्ड कप से पहले भारत के लिए यह आखिरी घरेलू सीरीज है और गंभीर घरेलू पिचों पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहेंगे. हालांकि पावरप्ले का फायदा उठाते हुए स्कोर आगे बढ़ाने की कवायद में भारतीय टीम अभी अपने प्रदर्शन को बेहतर कर सकती है.
विराट और युवराज की ठोस नींव के बावजूद भारत ने आखिरी ओवरों में अपने 6 विकेट 26 रन पर खो दिए. ऐसे में यूसुफ पठान की छोटी चमकदार पारी ने भारत को न्यूजीलैंड के सामने मुश्किल लक्ष्य रखने में मदद की. गेंदबाजी के मामले में भारत एक बार फिर अपने स्पिनरों पर निर्भर रहने के लिए तैयार है. अश्विन ने बीच के ओवरों में आसानी से रन नहीं बनने दिए और कप्तान यही उम्मीद उनसे जयपुर में भी करेंगे.
यूं तो श्रीसंत ने तीन विकेटों के साथ गेंदबाजों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अश्विन और युवराज का योगदान भी बेहद अहम साबित हुआ. टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करना चाहेगी क्योंकि दिन रात के मैच में ओस की वजह से बाद में बॉलिंग करने वाली टीम को गेंद पर पकड़ बनाने में मुश्किल पेश आती है.
न्यूजीलैंड के लिए बुरी खबर यह है कि टीम के कप्तान डेनियल वेटोरी और ब्रैंडन मैक्कुलम का खेलना अब भी संदिग्ध लग रहा है. वेटोरी की कमर में दर्द है और मैक्कुलम भी फिट नहीं हैं. पहले वनडे में हार के बाद दूसरे वनडे में भी दोनों का न होना न्यूजीलैंड के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन