जिम्बाब्वे में मुगाबे को हटाए जाने के बाद पहले चुनाव
३० जुलाई २०१८राष्ट्रपति और संसद के लिए मतदान से पहले मुगाबे ने संकेत दिया था कि वे विपक्षी नेता का समर्थन करेंगे. मतदान आमतौर पर शांत रहा है और मतदाता बता रहे हैं कि कि वे दशकों तक चली मुगाबे की सत्ता के आर्थिक तौर पर मुश्किल सालों के बाद अपने देश के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं. इन चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए 23 उम्मीदवार हैं जिनमें से 40 वर्षीय विपक्षी उम्मीदवार नेल्सन चमीसा और इस समय राष्ट्रपति पद पर काबिज 75 वर्षीय इमरसन म्नांगाग्वा को गंभीर उम्मीदवार माना जा रहा है. राष्ट्रपति म्नांगाग्वा रॉबर्ट मुगाबे के लंबे समय तक सहयोगी रहे हैं लेकिन बाद में उनके दुश्मन बन गए और उन्हें हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मुकाबला कांटे का है. पिछले हफ्ते एक सर्वे में राष्ट्रपति म्नांगाग्वा को सिर्फ 3 प्रतिशत की बढ़त मिुली हुई थी. दशकों तक सत्ताधारी जानु पीएफ पार्टी के नेता रहे मुगाबे ने चुनाव से ठीक पहले घोषणा की कि वे अपनी पार्टी को वोट नहीं देंगे और उन्होंने विपक्षी नेता चमीसा की तारीफ की. म्नांगाग्वा ने चमीसा का समर्थन किए जाने को मुगाबे का समर्थन बताया है लेकिन चमीसा ने इन आरोपों से इंकार किया है.
दूसरी ओर सबकी नजरें 94 वर्षीय मुगाबे पर थीं जो अपनी पत्नी ग्रेस मुगाबे के साथ मतदान करने पहुंचे. चुनाव के मौके पर देश भर में अच्छा माहौल था. एक मतदाता ने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "हम बेहतरी के लिए बदलाव चाहते हैं. हम देश में बड़ा परिवर्तन चाहते हैं." 1980 में आजादी मिलने के बाद मुगाबे के सत्ता से बाहर होने के बाद हो रहे पहले चुनाव में मुगाबे के उत्तराधिकारी ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का आश्वासन दिया है.
देश के 50 लाख लोग मतदान में हिस्सा ले रहे हैं. मतों की गिनती चार दिनों में पूरी हो जाएगी और चुनाव आयोग को पांच दिनों के अंदर चुनाव परिणामों की घोषणा करनी होगी. एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा है कि उसने अब तक इतना शांति चुनाव नहीं देखा. मुगाबे के शासन काल में चुनाव हिंसा से भरे होते थे क्योंकि पुलिस विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करती थी. पिछले साल तक जीवित रहे विपक्षी नेता मॉर्गन च्वांगिराई को अक्सर गिरफ्तार किया जाता था और जेल में डाल दिया जाता था. विपक्ष को चुनाव प्रचार भी नहीं करने दिया जाता था.
यूरोपीय संघ के मुख्य चुनाव पर्यवेक्षक एल्मार ब्रोक ने कहा है कि कुछ इलाकों में चुनाव अत्यंत सुनियोजित और अन्य इलाकों में एकदम अव्यवस्थित रहे हैं. ब्रोक ने कहा कि कई जगहों पर बहुत से मतदाता खासकर युवा महिलाएं लंबे इंतजार से निराश होकर लाइन से बाहर निकल गईं और उन्होंने मतदान नहीं किया. एल्मार ब्रोक ने कहा कि उनका मिशन अब तक मतदान के बारे में अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचा है.
एमजे/एके (डीपीए, रॉयटर्स)