जिनेवा में बिक गए महारानी के गहने
अपनी शानोशौकत लिए मशहूर रही फ्रांस की महारानी मैरी एंटोनेट के गहनों के लिए हुई नीलामी में खरीदारों ने दिल खोल कर पैसा खर्च किया. शाही परिवार ने इन गहनों को चुपके से देश के बाहर कर दिया था.
इतिहास बताते गहने
200 साल बाद फ्रांस की महारानी के गहनों की जिनेवा में नीलामी की गई. विशेषज्ञ कहते हैं कि लाए गए सारे गहने इतिहास की कहानियों को बयां करते है. एंटोनेट का संबंध ऑस्ट्रिया के शाही परिवार से था.
14 साल में हुई शादी
महारानी एंटोनेट का जन्म ऑस्ट्रिया के शाही परिवार में हुआ था. 1770 में 14 साल की एंटोनेट की शादी फ्रांस के राजकुमार लुई ऑगस्ट से कर दी गई. शादी के चार साल बाद वह फ्रांस की महारानी बन गईं. 1789 के दौरान जब फ्रांस में क्रांति हुई तो एंटोनेट को नजरबंद कर दिया गया और 1793 में उनकी हत्या कर दी गई.
जेवरात की कीमत
महारानी के असली मोतियों और हीरे से जड़े इस पेंडेंट को 3.6 करोड़ डॉलर की रिकॉर्ड कीमत पर बेचा गया. विशेषज्ञों का अनुमान था कि इस पेंडेंट के लिए बमुश्किल 10-12 लाख डॉलर की कीमत ही मिल सकेगी. यह मोती और हीरे का पेंडेंट उन दस आभूषणों में से हैं जिसे कभी महारानी एंटोनेट ने पहना था.
गहनों में क्या क्या
शाही आभूषणों की इस संग्रह में हीरे की जड़ाऊ पिन और महारानी के कान की बालियां भी रखी गईं. इन गहनों की नुमाइश हांगकांग, न्यूयॉर्क, म्यूनिख, लंदन और दुनिया के अन्य शहरों में भी लगाई गई.
एम और ए
तस्वीर में नजर आ रही इस हीरे की अंगूठी में महारानी के नाम के शुरुआती अक्षर उकेरे गए हैं, "एम और ए."1789 की क्रांति के बाद राजा लुई सोलहवें और महारानी एंटोनेट ने देश से भागने की योजना बनाई. इसी योजना के तहत उन्होंने अपने गहनों को ब्रसेल्स भेज दिया.
क्या थी योजना
ब्रसेल्स से गहने ऑस्ट्रियाई सम्राट के पास पहुंच गए लेकिन लुईस और एंटोनेट की भागने की योजना विफल हो गई. 1795 में जब मैरी थेरेस भागने में सफल गई तो उन्होंने इस खजाने को दोबारा हासिल कर लिया. तस्वीर में नजर आ रही मैरी थेरेस, लुईस और एंटोनेट की क्रांति से जीवित बच निकलने वाली इकलौती संतान थीं.
वाह ताज!
इस नीलामी में सिर्फ एंटोनेट के ही नहीं बल्कि शाही परिवार के करीबियों के भी आभूषण सजाए गए थे. ताज में नजर आ रहे ये हीरे कभी महारानी के दोस्त और देवर चार्ल्स के हुआ करते थे. इस कीमती पत्थर को साल 1912 में इस ताज में जड़ दिए गए.