जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ
३० अक्टूबर २०१९नवाज शरीफ की बिगड़ती तबियत को देखकर हाल में उन्हें जेल से एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. इसके बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इलाज के लिए उनकी सजा को आठ हफ्तों के लिए निलंबित कर दिया है. पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री और नवाज शरीफ के करीबी अहसान इकबाल ने बताया कि जरूरत पड़ने पर सजा के निलंबन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.
उन्होंने नवाज शरीफ की मौजूदा हालत के प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार शरीफ की हालत के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि जेल में उनका इलाज नहीं होने दिया गया."
नवाज शरीफ के निजी डॉक्टर अदनान खान ने ट्वीट किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री "अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं". डॉक्टर ने बताया कि नवाज शरीफ को हल्का दिल का दौरा पड़ा था और उनकी किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही हैं. शरीफ डायबिटीज के मरीज रहे हैं और दो साल पहले लंदन के एक क्लीनिक में उनके दिल का ऑपरेशन भी हुआ था.
भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे नवाज शरीफ को मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने छह हफ्ते के लिए जमानत पर रिहा किया ताकि वे इलाज करा सकें. अब अदालत ने चिकित्सा आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत भी दे दी है.
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तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की गिनती बड़े जनाधार वाले नेताओं में होती है. उनका संबंध पाकिस्तान के बड़े कारोबारी घराने से है. अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर उनकी समझ अच्छी मानी जाती है. जब 2013 में उन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभाला तो उन्हें विरासत में खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और ऊर्जा का बदस्तूर चला आ रहा संकट मिला.
इससे पहले वह 1990 से 1993 तक और 1997 से 1999 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. 1999 में सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनका तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी. 2017 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उन्हें अदालत ने चुनावों में हिस्सा लेने से अयोग्य ठहरा दिया. इसके पीछे उन्होंने सेना का हाथ बताया, हालांकि सेना ने हमेशा इससे इनकार किया. बाद में उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई.
नवाज शरीफ के बाद उनके भाई और पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने पार्टी की कमान संभाली लेकिन वह 2018 के चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की जीत को रोक नहीं पाए. सत्ता में आने के बाद इमरान खान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ के मुहिम छेड़ दी जिसमें नवाज शरीफ की पीएमएल (एन) पार्टी के कई नेताओं को निशाना बनाया गया है.
एनआर/एके (एएफपी, डीपीए)
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