जापान में ओलंपिक रद्द होने की अटकलें लेकिन आयोजक निश्चिंत
२२ जनवरी २०२१ओलंपिक खेल यूं तो पिछले साल मार्च में ही हो जाने थे लेकिन कोरोना के चलते इन्हें इस साल 23 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया था. लेकिन अब इस खेल आयोजन पर फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि ओलंपिक खेल रद्द करने पड़ेंगे. सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ सदस्य का नाम लिए बगैर उनका बयान रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है. इस सदस्य का कहना है, "कोई खुद पहले बोलना नहीं चाहता लेकिन इस बात पर सब सहमत हैं कि आयोजन कराना बहुत मुश्किल है. निजी तौर पर मुझे तो नहीं लगता कि खेल हो पाएंगें.”
स्थानीय आयोजन कमेटी ने एक बयान में द टाइम्स की खबर पर तो सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन ये जरूर कहा कि ओलंपिक खेल जरूर होंगे और प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने भी इस बात का समर्थन किया है. "देश की सरकार, टोक्यो महानगर प्रशासन, टोक्यो-2020 की आयोजन समिति, आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी) और आईपीसी (अंतरराष्ट्रीय पैरालिम्पिक कमेटी) समेत हमारे सभी साझेदारों का पूरा ध्यान इन गर्मियों में ओलंपिक खेल कराने पर है.” बयान में ये भी कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द, रोजमर्रा की जिंदगी ढर्रे पर लौटेगी. इसलिए हम बचाव और सुरक्षा के साथ खेलों के आयोजन की हर मुमकिन तैयारी करते रहेंगे.”
प्रधानमंत्री के सहयोगी और डिप्टी मुख्य कैबिनेट सचिव मागागु सकाई ने भी ओलंपिक रद्द होने की खबरों का पुरजोर खंडन किया. उन्होंने कहा, "ऐसी कुछ भी बात नहीं है और हम इसे (रिपोर्ट को) पूरी तरह खारिज करते हैं.” टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके ने शुक्रवार को अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "मैंने तो ऐसा कुछ नहीं सुना.” उन्होंने आगे बढ़कर ये भी कहा कि ब्रिटिश अखबार के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें शायद अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए.”
ओलंपिक आयोजन पर संदेह के बीज
द टाइम्स ने कहा है कि जापान 2032 के ओलंपिक आयोजन की दावेदारी की उम्मीद कर रहा था. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी 2024 ओलंपिक की मेजबानी, पेरिस को सौंप चुकी है, 2028 का ओलंपिक लॉस एंजेलिस के खाते में जा चुका है. ओलंपिक खेलों से जुड़े तमाम स्थलों की देखरेख, नये ठेकों और समझौतों और दूसरे बहुत से खर्चों की अनुमानित लागत को देखते हुए जापान का एक दशक के इंतजार का ख्याल असंभव सा लगता है. जापान ओलंपिक से जुड़े कामों पर पहले ही 25 अरब डॉलर खर्च कर चुका है. और ये अधिकांश पैसा जनता की जेब से गया है.
ओलंपिक रद्द होने की कई रिपोर्टें इधर सामने आने लगी थीं. कोविड-19 के मामलों में आती तेजी पर काबू पाने के लिए इसी महीने जापान की सरकार ने टोक्यो और अन्य प्रांतों में इमरजेंसी लगा दी थी. आईओसी अध्यक्ष थोमस बाख ने जापानी समाचार एजेंसी क्योदो को बताया, "इस समय हमारे सामने ये मानने का कोई भी कारण नहीं है कि टोक्यो के स्टेडियम में 23 जुलाई को ओलंपिक खेलों की विधिवत शुरुआत नहीं होगी.” उन्होंने ये भी कहा कि "कोई प्लान बी नहीं है. आईओसी के वरिष्ठ सदस्य रिचर्ड पाउंड ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि ओलंपिक खेल मोटे तौर पर दर्शकों के बिना ही होंगे और ज्यादातर दर्शक टीवी पर ही खेलों का मजा ले पाएंगे.
आईओसी के लिए कमाई का मामला
स्विट्जरलैंड स्थित आईओसी की 73 प्रतिशत कमाई, प्रसारण अधिकारों को बेचकर ही होती है. ओलंपिक स्थगित हुए थे तो उसकी कमाई का मुख्य स्रोत भी रुक गया था. इसीलिए उसके लिए यही अच्छा है कि भले ही उसका आयोजन टीवी इवेंट के रूप में हो लेकिन ओलंपिक किसी तरह हो जाए, रद्द न करना पड़े. सैकड़ों खेलों का आयोजन करने वाले अन्य दूसरे खेल व्यापारों से अलग, आईओसी के पास बेचने को दो ही बड़े इवेंट हैं, ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक.
थोमस बाख ने इशारा किया कि टोक्यो ओलंपिक का आगाज कराने के लिए सोच में बड़े बदलावों की जरूरत है. इन खेलों में 11 हजार एथलीट, हजारों हजार कोच, अधिकारी, जज, वीआईपी, मीडिया और प्रसारण कंपनियों के शामिल होने का अनुमान है. 24 अगस्त को होने वाले पैरालंपिक में करीब 4400 एथलीट भाग लेंगे. बाख ने कहा, "ये बात आपको पसंद नहीं आएगी लेकिन कुरबानियों की जरूरत पड़ेगी.” "इसीलिए मैं कह रहा हूं, सुरक्षा और बचाव पहले है और वो सुनिश्चित करने के लिए बातचीत में किसी किस्म का टैबू नहीं चाहिए.”
महामारी से निबटने में कामयाब जापान
कोरोना वायरस से जापान में करीब 5000 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया के बहुत से देशों की अपेक्षा महामारी से वह बेहतर ढंग से निपटने में सफल रहा है. लेकिन साढ़े तीन करोड़ की आबादी वाले फैलते हुए महानगर टोक्यो में संक्रमित लोगों की संख्या में कमी नहीं आयी है. जापान में जनमत भी ओलंपिक खेलों के खिलाफ आया है. कई सर्वेक्षणों में 80 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ओलंपिक या तो फिर से टाल दिए जाएं या पूरी तरह रद्द ही कर दिए जाएं. बाख का कहना है कि स्थगित होने के दस महीने बाद, आज की तारीख में ओलंपिक कराने के लिए आयोजक ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं.
आईओसी प्रमुख थोमस बाख का कहना है, "आप मार्च 2021 की तुलना मार्च 2020 से नहीं कर सकते हैं क्योंकि विज्ञान, चिकित्सा, टीकाकरण और वायरस के परीक्षणों में इतनी तरक्की हो चुकी है.” मार्च 2020 में सारी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ रही थी और किसी को पता नहीं था कि इस महामारी से कैसे निबटा जाए. जापान में टीकाकरण की प्रक्रिया धीमी चल रही है. उधर आईओसी ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ अपने उपायों के तहत उसने टेस्टिंग, क्वारंटीन, सोशल डिस्टैंसिंग और एथलीटों को मोटे तौर पर अलग अलग रखने पर ध्यान केंद्रित किया है. खिलाड़ियों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित तो किया गया है लेकिन ये जरूरी नहीं होगा.
एसजे/एमजे (एएफपी)
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