जापान पहुंचती "भूतिया नावें"
२ दिसम्बर २०१७उत्तरी जापान के तट पर शवों से भरी एक और नाव मिली है. जापान के अधिकारियों को शक है कि नाव उत्तर कोरिया की है. जापान के उत्तरी प्रांत अकिता के अधिकारियों को नाव से आठ शव मिले. पुलिस के मुताबिक शव सड़ने लगे थे. कुछ में तो कंकाल नजर आने लगे थे. पुलिस को नाव से उत्तर कोरियाई सिगरेट के पैकेट मिले. लाइफ जैकेट्स मिलीं जिनमें कोरियाई भाषा में लिखा गया था.
महीने भर के भीतर यह चौथा मामला जब शवों से भरी कोई नाव जापान पहुंची है. 23 नंवबर को भी अकिता प्रांत के लोगों ने तट के पास अंजान लोगों को देखने की सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस को वहां तीन उत्तर कोरियाई मिले. पास ही उनकी नाव भी थी. पुलिस के मुताबिक इंजन फेल होने की वजह से नाव समंदर में बहती हुई जापान के तट तक पहुंच गयी. तीनों उत्तर कोरियाई नागरिकों ने अपने घर लौटने की इच्छा जतायी है.डर में जीते हैं उत्तर कोरिया से भागे लोग
लेकिन तट पर एक के बाद एक आती उत्तर कोरियाई नावों से कुछ शक भी हो रहा है. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "जापान के आसपास समुद्र में पुलिस और तटरक्षकों को तालमेल बेहतर करना होगा. सरकार चाहती है कि हम संदिग्ध नावों या लोगों के जापान पहुंचने को रोक सकें."
आशंका है कि आने वाले दिनों में ऐसी कई और नावें उत्तर कोरिया से जापान पहुंच सकती है. जापान कैंपस ऑफ टेम्पल यूनिवर्सिटी में एशियन स्ट्डीज के निदेशक जेफ किंग्सटन कहते हैं, "उत्तर कोरिया में भोजन की भारी कमी है. रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने मछुआरों को आदेश दिया है कि वे बड़ी मात्रा में मछली पकड़कर लाएं. लेकिन लकड़ी की ऐसी नावें पतझड़ के दौरान जापान के समंदर की ताकतवर लहरों का सामना करने लायक नहीं हैं."
2017 में जापान में ऐसे 40 मामले सामने आये हैं. किंग्सटन कहते हैं, "मछुआरों को तट से बहुत दूर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि उत्तर कोरिया के आसपास बहुत ज्यादा मछली मारने की वजह से अब मछलियां बची ही नहीं हैं." परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के चलते अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहा उत्तर कोरिया खाने की किल्लत से जूझ रहा है. किंग्सटन कहते हैं कि उत्तर कोरियाई मछुआरे भारी दबाव में हैं. वे बिना मछली पकड़े वापस लौटने से डरते हैं, इसीलिए वे जान जोखिम में डालकर दूर दूर तक जा रहे हैं. और बहुत से कभी वापस नहीं लौट पा रहे हैं.
(उत्तर कोरिया पर कैसे कैसे प्रतिबंध)
यूलियन रियाल (टोक्यो)