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जल्द आ रहा भविष्य, बिना छुए होगा काम

१४ मार्च २०११

यह कल्पना से भी थोड़ी आगे की बात है. हालांकि यह कल्पना नहीं, सच है. अब सब मशीनें बिना छुए ही काम करेंगी. बिल्कुल सही. आपका कंप्यूटर, मोबाइल फोन, वॉशिंग मशीन, टीवी...सब कुछ बिना छुए चलेगा.

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एलजी का थ्रीडी फोनतस्वीर: LG Electronics

आपके सामने कंप्यूटर पर कई वेबसाइट्स खुली हैं. आपको हर वेबसाइट पर बार बार जाना पड़ता है. लेकिन ऐसा करने के लिए अब आपको बार बार क्लिक करने की जरूरत नहीं. बस जिस वेबसाइट का पेज खोलना है, उसकी ओर देखिए और पेज खुल जाएगा. क्योंकि यह कंप्यूटर आंखों से चलता है. स्वीडन की कंपनी टॉबी टेक्नॉलजी के निकोलस पेट्रोसा इस कंप्यूटर को लेकर सेबिट आए हैं. वह बताते हैं, "हमारी टेक्नॉलजी इन्फ्रारेड इल्यूमिनेटर पर निर्भर है जो चेहरे पर इन्फ्रारेड तरंगें छोड़ती है. इससे यूजर की तस्वीर बन जाती है. कंप्यूटर आंख को पहचानता है और स्क्रीन पर आपकी नजर कहां है इसका पता लगाता है. तब आप इंटरेक्शन के जरिए कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं."

Flash-Galerie Deutschland Computermesse CeBIT 2011 in Hannover Tablets
तस्वीर: Ehsan Norouzi

टच खत्म, टचलेस का जमाना

इस वक्त बाजार में टच स्क्रीन तकनीक की धूम है. स्क्रीन को उंगली से छूने भर से काम करना अद्भुत अनुभव है. लेकिन यह तकनीक पुरानी हो गई है. अब वक्त है टचलेस तकनीक का. यानी स्क्रीन को छुए बिना ही काम होगा. यूं समझ लीजिए की आप किसी जादूगर की तरह अपने फोन की स्क्रीन पर उंगली घुमाएंगे और काम हो जाएगा. इसके लिए विशेष सेंसरों का इस्तेमाल होता है. फ्रांस की कंपनी फोरगैलनोटेक के सेल्स मैनेजर विलियम बेकेरीन बताते हैं, "हमने नए थ्रीडी स्मार्टफोन और स्क्रीन के सेंसरों में नया आयाम जोड़ा है. ये सेंसर स्क्रीन के ऊपर से ही उंगली को पहचान जाते हैं. मतलब फोन उंगली की स्थिति का सही सही पता लगा लेगा. थ्रीडी फोन के आने से और मौजूदा सिस्टम में भी फोन अपने आप ये बात समझ जाएगा कि उंगली फोन को या किसी भी स्क्रीन को कहां छूना चाहती है."

लेकिन बात यहीं नहीं थमती. आप स्क्रीन के अंदर तक जा सकते हैं. आपकी उंगली विडियो के अंदर किरदारों के भीतर तक जा सकती है. और फोन के मामले में तो यह बहुत जल्दी हो जाएगा. एलजी कंपनी अपना थ्रीडी फोन बाजार में उतार रही है. कंपनी के डोमिनिक प्रेसोस्की बताते हैं, "यह सामान्य स्मार्ट फोन जैसा लगता है जिसका ग्लास फ्रंट वैसा ही है. इसमें बटन हैं. इसमें जो चीज बाकी फोन से अलग है वह इसके पीछे लगा डबल लेंस है. आप इसमें थ्रीडी कंटेंट देख सकते हैं. आप इससे थ्रीडी फोटो विडियो बना पाएंगे. और सामान्य फोन का काम तो इससे ले ही पाएंगे. और इसके लिए किसी चश्मे की भी जरूरत नहीं है."

Flash-Galerie Deutschland Computermesse CeBIT 2011 in Hannover
तस्वीर: picture alliance/dpa

कंप्यूटर पढ़ाएगा

इस तकनीक का एक अद्भुत आयाम पढ़ने के मामले में सामने आ रहा है. जर्मनी के रिसर्च सेंटर फॉर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो आपको पढ़ने में मदद करेगा. होले क्रिस्टानियन इस बारे में सही से समझा सकते हैं, "हमारे पास एक आईट्रैकर टेक्नॉलाजी है जिसके जरिए कंप्यूटर आंख की गति और दिशा का पता लगाता है. मसलन अगर आप पढ़ते वक्त किसी शब्द पर ज्यादा देर अटक जाते हैं तो कंप्यूटर समझ जाएगा कि इस शब्द में आपको दिक्कत है. तब फौरन वह उस शब्द का मतलब और उससे जुड़ी सारी जानकारी आपके सामने पेश कर देगा."

अब जब सारा काम बिना छुए ही हो रहा है तो क्या कंप्यूटर टाइपिंग के लिए उतना बड़ा डिब्बा सामने रखना सही होगा? नई तकनीक कहती है... नहीं. दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने वर्चुअल की बोर्ड बनाया है. मतलब कीबोर्ड जैसी कोई चीज है ही नहीं. बस एक छोटी सी डिब्बी है. डिब्बी निकाली, इसे तार से जोड़ा और आपने सामने मेज पर कुछ तरंगें बिछ जाएंगी जो कीबोर्ड की शक्ल में होंगी. कंपनी के अधिकारी क्रिस इसे बेहतर समझा पाएंगे, "यह एक ब्लू टुथ प्रॉडक्ट है. इसमें कीबोर्ड और माउस एक ही डिवाइस में है. इस डिवाइस के नीचे से इन्फ्रारेड लाइट निकलती है जिसे हम आंख से नहीं देख सकते. लेकिन कैमरा उसे देख लेता है. इसलिए जब आप किसी की को दबाते हैं तो लाइट की तरंग टूट जाती है. कैमर उस टूट को पहचान लेता है और उसे डेटा में तबदील कर देता है."

जब बिना छुए ही सब काम हो जाएगा तो हमारी जो ऊर्जा बचेगी, उसका क्या करेंगे? फिर तो दुनिया में गति ही नहीं रहेगी. आईबीएम एक इंजीनियर ने इस सवाल का बड़ा अच्छा जवाब दिया कि इंसान को समझाइए कि इस ऊर्जा का इस्तेमाल प्यार बांटने में लगाए.

रिपोर्टः विवेक कुमार

संपादनः उभ

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