जलवायु के कितने अनुकूल होते हैं क्रिसमस के "ग्रीन" तोहफे
क्रिसमस का समय तोहफे देने का समय होता है. इंटरनेट पर भी कई तरह के तोहफे मौजूद हैं, यहां तक कि पर्यावरण का ख्याल रखने वाले तोहफे भी हैं. लेकिन कैसे सुनिश्चित करें कि आप कहीं और उत्सर्जन ही तो तोहफे में नहीं दे रहे?
थोड़ा ध्यान देने की जरूरत
तोहफे तो कई हैं लेकिन खरीदने से पहले एक बार देख लें कि आपका तोहफा कैसे बना था, कहां से आया और क्या वो लंबी चलने वाली कोई चीज है?
कैसे कपड़े खरीदें
ऐसे ब्रांड ढूंढना आसान है जो सूती या ऊनी जैसे प्राकृतिक कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं और प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोलियम से बने रासायनिक कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. लेकिन सिर्फ इतने से बात नहीं बनेगी. यह भी जानना जरूरी है कि ब्रांड ने उत्पादन के दौरान अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल किया है या नहीं.
स्थानीय चीजें खरीदना बेहतर
2020 की मैकिंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक फैशन उद्योग हर साल करीब 2.1 अरब टन उत्सर्जन करता है, जो कुल वैश्विक उत्सर्जन का चार प्रतिशत है. यातायात से होने वाला कार्बन उत्सर्जन इसका एक बड़ा हिस्सा है. इसलिए अपने घर के आस पास ही बनी चीजों को या एक अच्छी सेकंडहैंड दुकाने से चीजों को खरीदना बेहतर है.
बड़े काम का बांस
आज भी कई उत्पाद और उनके पैकेट प्लास्टिक से बनाए जाते हैं जो स्वाभाविक तरीके से सड़नशील नहीं होता है. लेकिन तेजी से उगने वाले बांस के कई उपयोग हो सकते हैं और इसके रखरखाव में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होती. इसका तौलिए से लेकर साइकिलों और यहां तक कि बीयर बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
डिजिटल युग की समस्या
स्ट्रीमिंग सेवाओं का सब्सक्रिप्शन और किसी फिल्म या किताब की डिजिटल कॉपी तोहफे में देना अच्छा लग सकता है. लेकिन ये डिजिटल फाइलें कहीं रखी जाती हैं और उसमें बहुत सी ऊर्जा की खपत होती है. वाईफाई और छोटे स्क्रीनों के इस्तेमाल से मदद मिल सकती है, लेकिन अक्षय ऊर्जा के स्रोतों के इस्तेमाल को बढ़ाना और बेहतर होगा.
भोजन भी ऐसा वैसा नहीं
खाने के स्वादिष्ट पकवान भी एक अच्छा विकल्प हैं लेकिन यहां भी कार्बन पदचिन्ह देख लेने की जरूरत है. कई खाने के सामान को बनाने और दुनिया के एक कोने से दूसरी जगह पहुंचाने में ज्यादा कार्बन उत्सर्जन होता है. फलों और बादाम आदि के मुकाबले चीज और चॉकलेट बनाने में 20 गुना ज्यादा तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है.
अनुभव भेंट कीजिए
सिनेमा या कॉन्सर्ट के टिकट, भोजन या यात्रा जैसे तोहफे कम उत्सर्जन वाले हो सकते हैं. हवाई जहाज की जगह ट्रेन से यात्रा कीजिए और किसी दूर दराज के रिजॉर्ट की जगह किसी छोटे स्थानीय सराय में रुक सकते हैं. होटलों में भी ध्यान दीजिए. हो सकता है वो तौलियों के दोबारा इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहा हो लेकिन सिर्फ एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने वाले प्रसाधनों का क्या?
ट्रेंड को ही पलट दीजिए
एक कम उत्सर्जन वाले तोहफे की जगह क्यों न एक कदम और आगे बढ़ कर एक कार्बन नेगेटिव तोहफा चुना जाए. जैसे किसी वन का खर्च उठा लेना, कहीं मूंगों की देखभाल की जिम्मेदारी ले लेना या अफ्रीका और एशिया में कहीं ऊर्जा के सस्टेनेबल स्रोतों का समर्थन करना. इन सब से सही मायनों में पर्यावरण में से कार्बन हटाने में मदद मिल सकती है. हां इसके लिए थोड़ी रिसर्च जरूर करनी होगी ताकि पैसे बर्बाद ना हो जाएं. (मार्टिन कूबलर)