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जर्मनी में शिक्षक नहीं कर सकते हड़ताल

१३ जून २०१८

हड़ताल करना, अपना विरोध दर्ज कराना दुनिया में एक आम कर्मचारी का अधिकार हो सकता है. लेकिन जर्मनी में शिक्षकों के पास यह अधिकार नहीं है. उनकी हड़ताल, एक मूलभूत अधिकार से टकरा सकती है.

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Symbolbild | Schule Unterricht Schulklasse Schüler
तस्वीर: imago/photothek/T. Trutschel

जर्मनी की संवैधानिक अदालत ने एक मामले में कहा कि ऐसे टीचर जो बतौर सरकारी कर्मचारी (सिविल सर्वेंट्स) व्यवस्था में काम कर रहे हैं उन्हें हड़ताल की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचरियों पर लगे हड़ताल प्रतिबंध में फिलहाल नरमी दिखाने से इनकार कर दिया है. कुछ वक्त पहले, जर्मनी के चार शिक्षकों ने अपने कामकाजी घंटों के वक्त विरोध प्रदर्शन और हड़ताल में हिस्सा लिया था, जिसके बाद उन्हें अनुशासात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद इन शिक्षकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.

सरकारी सेवाओं के नियम-कानूनों मुताबिक जर्मनी में सरकारी कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना प्रतिबंधित है. जर्मनी में करीब 8 लाख शिक्षक कार्यरत हैं. इसमें से तीन-चौथाई सिविल सर्विस कॉन्ट्रेक्ट पर नियुक्त हैं. कोर्ट में चल रहे इस मामले को जर्मनी में काफी अहम माना जा रहा है.

अदालत ने कहा, "हड़ताल पर प्रतिबंध, जर्मन संविधान में शामिल मूल कानून के साथ नहीं टकराता." इस मामले में याचिकाकर्ता ने तुर्की के सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल मामले में यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्रयूमन राइट्स के हालिया निर्देशों का भी उल्लेख किया था. यूरोपीय अदालत ने एक मामले में कहा था कि राजनीतिक संगठनों का गठन करना और हड़ताल करना मानवाधिकार हैं जो सरकारी नौकरी में भी खत्म नहीं हो सकते. जर्मनी के शिक्षकों ने कहा, "शिक्षकों को इस तरह के प्रतिबंध से छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि शिक्षण और अन्य नौकरियों में मौलिक अंतर है."

लेकिन अदालत ने इसके जवाब में कहा कि हड़ताल पर प्रतिबंध यूरोपीय कनवेंशन ऑफ ह्यूमन राइट्स को सीमित नहीं करता है. साथ ही प्रतिबंध देश में शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करता है.

  

एए/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)