जर्मनी में टैक्स देने वालों का धन इस साल कहां बर्बाद हुआ
चूहे के लिए पुल, चोरी हुआ सुनहरा घोंसला और छाया में लगा सोलर प्लांट. ये सब इस साल जर्मनी में टैक्स देने वालों के पैसे के दुरुपयोग में शामिल कुछ चीजें हैं.
छाया में सोलर पावर प्लांट
जर्मन टैक्सपेयर फेडरेशन अपनी "ब्लैकबुक" में इस तरह के खर्चों को डालता है जो बिल्कुल गैरजरूरी थे. 2019 की ब्लैकबुक में थुरिंजिया के पर्यावरण मंत्रालय के लगाए फूलों की आकृति वाले सोलर पावर प्लांट को भी शामिल किया गया है जो छाया में लगा है. हालांकि मंत्रालय ने यह कह कर खुद को बचाने की कोशिश की है कि इसका मकसद इस इमारत के लिए बिजली पैदा करना नहीं था.
चूहों के लिए पुल
दक्षिणी जर्मन शहर पसाउ में अधिकारियों को जब पता चला कि एक बाइपास सड़क डोरमाउस (चूहे की एक प्रजाति) के एक प्राकृतिक आवास से हो कर गुजरेगी तो वे थोड़े क्रिएटिव हो गए और उन्होंने एक पुल बनाने का फैसला किया ताकि चूहे आराम से सड़क को पार कर सकें. इस पुल ने फेडरेशन को सरकार की आलोचना करने का एक और मौका दे दिया.
सुरक्षा का खतरनाक रास्ता
इस पुल पर चूहों को सात मीटर ऊंची चढ़ाई करने के बाद 20 मीटर की दूरी पार करनी पड़ती है ताकि सुरक्षा के साथ सड़क को पार कर सकें. इस परियोजना पर 93000 यूरो खर्च किए गए. फेडरेशन का कहना है कि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि चूहे इस पुल का इस्तेमाल कर रहे हैं कि नहीं. पसाउ शहर का कहना है कि चूहों की बस्तियां सड़क के पास मिली हैं.
चोरी हुआ सुनहरा घोंसला
चिड़िया का सुनहरा घोंसला चोरी होने से पहले तक बर्लिन के एक प्राथमिक स्कूल की धरोहर था. इस कलाकृति में शुद्ध सोने से बनी 74 टहनियां थी जिन्हें एक नुमाइश वाले शोकेस में रखा गया था. उसके चारों और मजबूत कांच का घेरा था. फेडरेशन के मुताबिक इस पर 82,500 यूरोप खर्च किया गया. चोरों ने इसे उड़ाने की कई कोशिश की और आखिरकार तीसरी बार में सफल हो गए.
जर्मनी का नाकाम हाइवे टोल
इस साल ब्लैक बुक में जर्मन परिवहन मंत्री आंद्रेयास शॉयर का नाकाम हाइवे टोल भी है. इस साल की शुरुआत में यूरोपीयन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इसके खिलाफ फैसला सुनाया. कोर्ट का कहना है कि टोल गैर जर्मनवासियों के खिलाफ भेदभाव करता है. शॉयर इसे बनाने के लिए पहले ही करार पर दस्तखत कर चुके थे. इसके निपटारे में फेडरेशन के मुताबिक लाखों यूरो खर्च हुए.
जर्मनी की सबसे कीमती पाल नौका
जर्मनी की नौसेना का प्रशिक्षण जहाज "गोर्श फॉक" सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का चेहरा बन गया है. इस साल की शुरुआत में पता चला कि इस जहाज की मरम्मत पर टैक्सपयरों की 13.5 करोड़ यूरो रकम खर्च की गई. ऑडिटरों ने रक्षा मंत्रालय पर "घनघोर" कुप्रबंधन का आरोप लगाया. फेडरेशन का कहना है कि इससे कम पैसे में तो नया जहाज बन गया होता.
वनबिलाव परियोजना की समीक्षा
पश्चिमी जर्मनी में वनबिलाव को लेकर एक परियोजना की भी आलोचना की गई. फेडरेशन का कहना है कि वो इस जीव की रक्षा को जरूरी मानते हैं लेकिन उनका दवा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित 27 लाख यूरो के बजट का ज्यादातर हिस्सा प्रशासनिक और जनसंपर्क पर खर्च किया गया. परियोजना का नेतृत्व करने वाले संगठन का कहना है कि वनबिलाव की रक्षा जर्मनी और यूरोपीय संघ के लिए कानूनी रूप से जरूरी है.
ये पेंटिंग नहीं आसान
इस साल की शुरूआत में हनोवर शहर ने अमेरिकी आर्टिस्ट आलेक्जांडर काल्डर की इस कलाकृति को रंगने का फैसला किया और इसके इर्दगिर्द मचान बना दिया गया. जिस काम को बहुत आसान समझा गया था, वह बहुत लंबा हो गया क्योंकि नगर प्रशासन के पास इसकी अनुमति नहीं थी. इसका रंगरोगन भी नहीं हुआ और इसके चारों ओर चार महीने तक मचान लगी रही. इस पर खर्च आया 14000 यूरो.
टाइपिंग की महंगी गलतियां
राइनलैंड पैलिनेट राज्य के माइंज और तीन दूसरे शहर के स्थानीय चुनाव का खर्च अनुमान से ज्यादा हो गया क्योंकि उम्मीदवारों के नाम की स्पेलिंग गलत लिखी गईं. करीब 5 लाख से ज्यादा बैलेट पेपरों पर नाम गलत छप गया. इसके नतीजे में चुनाव में 80 हजार यूरो से ज्यादा का अतिरिक्त खर्च करना पड़ा.
महंगी पार्टी
उत्तर जर्मनी के शहर पापेनबुर्ग ने एक पुराने इस्टेट में पार्टी रखी जिस पर 30,000 यूरो खर्च किए. यह खर्च बचट से करीब दोगुना ज्यादा था. इस पार्टी में 250 मेहमानों को बुलाया गया था और उनके लिए आलीशान रात्रिभोज और उससे जुड़ी दूसरी चीजों का इंतजाम किया गया. फेडरेशन के मुताबिक यह सारा खर्च टैक्स देने वालों के धन की बर्बादी थी.