जर्मनी में इस्लामीकरण के खिलाफ प्रदर्शन
जर्मनी में पिछले कुछ हफ्तों से इस्लामी कट्टरपंथियों और शरणार्थियों के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. ड्रेसडेन रैली में इस हफ्ते रिकॉर्ड 17,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए. 'पेगिडा' के उभार से राजनीतिक दल चिंता में हैं.
'पश्चिम के इस्लामीकरण के खिलाफ यूरोप के राष्ट्रवादी' यानि पेगिडा के समर्थकों का मानना है कि इस्लामीकरण से ईसाई धर्म की संस्कृति और परंपराओं को खतरा है. ये राष्ट्रवादी प्रदर्शनकारी पिछले कुछ समय से हर हफ्ते सोमवार को इकट्ठा होकर विरोध का इजहार कर रहे हैं.
शरणार्थियों और इस्लाम विरोधी नारों के साथ हर हफ्ते इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले हफ्ते जहां ड्रेसडेन प्रदर्शन में करीब 15,000 लोग शामिल हुए थे इस बार उनकी संख्या 17,000 से ऊपर थी.
जर्मनी में बड़ी संख्या में लोग पेगिडा का विरोध भी कर रहे हैं. उनका मानना है कि जो देश होलोकॉस्ट जैसी घटनाएं झेल चुका है वहां जातिवाद और विदेशियों से नफरत करना नाजीवाद जैसा है.
पेगिडा के विरोध में ड्रेसडेन में 4500 जवाबी प्रदर्शनकारियों ने शहर में मार्च कर "ड्रेसडेन नवनाजी मुक्त" के नारे लगाए. सबसे बड़ा पेगिडा विरोधी प्रदर्शन म्यूनिख में हुआ जहां 12,000 लोग "जगह बनाओ-शरणार्थियों का स्वागत है" के बैनर तले शामिल हुए.
जर्मनी के दूसरे शहर म्यूनिख, बर्लिन, रॉस्टॉक, वुर्त्सबर्ग, ड्यूसलडॉर्फ और बॉन में भी विदेशियों के विरोध में प्रदर्शन हुए. हालांकि यहां विदेशी विरोधियों की संख्या सिर्फ कुछ सौ बताई जा रही है.
इन प्रदर्शनों ने लगभग सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए चिंता पैदा कर दी है. जर्मनी शरणार्थियों के अहम ठिकानों में से एक है. पिछले कुछ सालों में यहां शरण मांगने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है.