जर्मनी में ऐसे हटाई जाएंगी कोरोना से जुड़ी पाबंदियां
६ अप्रैल २०२०यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने बीते कई हफ्तों से अपनी आर्थिक गतिविधियां थाम कर सारी ऊर्जा कोविड-19 के संक्रमण से लड़ने और लोगों को इसके नए शिकार बनने से बचाने में लगा रखी है. लेकिन 19 अप्रैल के बाद धीरे धीरे कई चरणों में जीवन को वापस पटरी पर लाने की योजना बन गई है. इस तारीख के बाद सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क पहनना अनिवार्य बनाने का सुझाव है. इसके अलावा ज्यादा लोगों का एक जगह पर जमावड़ा होने पर पाबंदी जारी रह सकती है.
संक्रमण की श्रृंखला को तेजी से पहचानने के लिए भी कई उपाय किए जाएंगे. इन सभी उपायों की घोषणा जर्मन सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट एक्शन प्लान में की गई है जिसे जर्मनी के गृह मंत्रालय ने तैयार किया है. मंत्रालय का मानना है कि इन कदमों से देश में एक व्यक्ति से केवल एक ही व्यक्ति को संक्रमण होने की दर हासिल करना संभव होगा.
जर्मनी में 22 मार्च से कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं जिनमें रेस्तरां, बाजारों का बंद होना और सार्वजनिक जगहों पर दो से अधिक लोगों का साथ ना होना शामिल है. एक परिवार के या एक साथ एक ही घर में रहने वाले लोग ही दो से अधिक संख्या में बाहर दिख सकते हैं. आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बेहद कम होने के कारण जर्मनी का इस साल आर्थिक मंदी का सामना करना भी तय बताया जा चुका है.
एक्शन प्लान में कहा गया है कि चरणबद्ध तरीके से धीरे धीरे करके जनजीवन को सामान्य की ओर लौटाया जाएगा. इसमें इस बात पर खास जोर दिया गया है कि देश में ऐसी व्यवस्था काम कर रही होगी जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 80 फीसदी से अधिक लोगों को एक दिन के भीतर पहचानना संभव होगा. इसके बाद उस संक्रमित व्यक्ति समेत इस सभी लोगों को या तो उनके घरों या होटलों में ही क्वारंटीन किया जाएगा.
इस तारीख के बाद से देश के कुछ इलाकों में बाजार और स्कूल भी खोल दिए जाने की योजना है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का वहां भी सख्ती से पालन करना होगा. राष्ट्रीय सीमा पर लागू कड़ाई भी कम की जाएगी लेकिन देश में उसके बाद भी किसी बड़े सार्वजनिक आयोजन या निजी पार्टी की अनुमति नहीं होगी. जैसे ही देश में पर्याप्त सुरक्षा मास्कों की व्यवस्था हो जाती है सरकार सबके लिए ट्रेन, बस, सार्वजनिक इमारतों या फैक्ट्रियों में उन्हें पहनना अनिवार्य कर देगी.
जर्मनी के बाहर से आने वाले यात्रियों को आने के बाद 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा. केवल कम समय के लिए आने वाले बिजनेस ट्रैवलर्स और जर्मन सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले हेल्थ वर्कर्स को इसमें छूट मिलेगी.
बर्लिन में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि छोटे और मझोले स्तर की कंपनियों को दिए जाने वाले 100 फीसदी कर्ज की गारंटी सरकार लेगी. देश की ऐसी छोटी कंपनियों को 5,00,000 यूरो का कर्ज उपलब्ध कराया जाना है जिसमें 50 से कम कर्मचारी काम करते हैं. इसके अलावा 8,00,000यूरो की रकम बड़ी कंपनियों को कर्ज के तौर पर मुहैया कराई जाएगी.
आरपी/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)
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