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जर्मनी के साथ रिश्ते सुधारने को आतुर एर्दोवान

२७ सितम्बर २०१८

कई साल से तल्ख रिश्तों के बाद, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान ने कहा है कि वह जर्मनी के साथ रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करना चाहते हैं. वैसे जर्मन और तुर्क राजनेताओं को इसमें संदेह है कि वे वाकई ऐसा कर पाएंगे.

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Türkei Präsident Erdogan
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Cetinmuhurdar

गुरुवार को तुर्की के राष्ट्रपति जर्मनी के दौरे पर आ रहे हैं. उनके इस तीन दिन के दौरे का मकसद 'अपने जर्मन दोस्तों' के साथ तनाव को कम करना है. गुरुवार को जर्मन अखबार फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने साइटुंग में प्रकाशित एक लेख में एर्दोवान ने जर्मनी और तुर्की से संबंधों का 'एक नया अध्याय' शुरू करने को कहा है. उन्होंने लिखा, "यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम तार्किक रूप से अपने संबंधों को साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ाएं, आतार्किक भय के बिना."

उन्होंने यह भी लिखा है कि उनकी राय में, जर्मनी को संबंध सुधारने के लिए क्या करना चाहिए. जो बातें तुर्क राष्ट्रपति ने गिनाई हैं उनमें गुलेन मूवमेंट को आतंकवादी संगठन घोषित करना भी शामिल है. तुर्की की सरकार इस संगठन को 2016 के नाकाम तख्तापलट के लिए जिम्मेदार ठहराती है. अपने लेख में एर्दोवान ने जर्मनी में बढ़ते इस्लामोफोबिया और दक्षिणपंथी चरमपंथ का भी जिक्र किया है.

जर्मनी और तुर्की के संबंध कई साल से खराब चल रहे हैं. एर्दोवान सरकार में निरंकुश प्रवृत्तियों और तुर्की में जर्मन पत्रकारों की गिरफ्तार को लेकर जर्मनी बहुत चिंतित रहा है. जर्मन विदेश मंत्रालय के अनुसार अब भी पांच जर्मन लोगों को तुर्की में राजनीतिक बंदी के तौर पर रखा गया है. लेकिन तुर्की को अब सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका से टकराना पड़ रहा है और आर्थिक प्रतिबंधों के कारण उसकी हालत पतली हो रही है. ऐसे में, एर्दोवान अपने देश को स्थिर करने के लिए जर्मनी और यूरोपीय संघ की तरफ देख रहे हैं.

बर्लिन में तुर्की के राष्ट्रपति का पूरे सैन्य सम्मान के साथ स्वागत किया जाएगा और उसके बाद उनके सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. एर्दोवान जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर और चांसलर अंगेला मैर्केल से मिलेंगे. जर्मनी में रह रहे तुर्क लोगों के संगठनों के अधिकारियों से मिलने का भी उनका कार्यक्रम है.

हाल के दिनों में एर्दोवान के इस दौरे को लेकर खासा विवाद भी रहा. कई वरिष्ठ जर्मन राजनेताओं ने एर्दोवान के सम्मान में दिए जाने वाले रात्रिभोज का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उनके सबसे बड़े आलोचक जर्मनी की ग्रीन पार्टी के सांसद चेम ओएज्देमीर हैं. तुर्क मूल के ओएज्देमीर का कहना है कि वे रात्रिभोज में जाएंगे ताकि तुर्की के राष्ट्रपति के सामने वह अपना विरोध प्रकट कर सकें.

रात्रिभोज में शामिल न होने वालों में वामपंथी पार्टी की नेता सेविम दागदेलेन भी हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "ऐसे व्यक्ति को सैन्य सम्मान और भोज देना बिल्कुल अस्वीकार्य है, जो विदेश नीति में माफिया राजनीति चलाता है, जो राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाता है और जो पड़ोसी देशों पर हमला करता हो." चांसलर के कार्यालय ने पुष्टि की है कि मैर्केल भी भोज में शामिल नहीं होंगी. वैसे वह इस तरह के आयोजनों में बहुत कम ही जाती हैं.

तुर्की में कई राजनेताओं को एर्दोवान के दौरे से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. कुर्द समर्थक पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता गारो पेलान का कहना है, "एर्दोवान जर्मनी जा रहे हैं जबकि वह मानवाधिकारों को कुचल रहे हैं. और इन हालात में उन्हें आधिकारिक तौर पर स्वीकारा जा रहा है."

रिपोर्ट: रेबेका श्टाउडेनमायर/एके

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