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समाज

जर्मनी की सड़कों पर बिना ड्राइवर वाली बस

२६ अक्टूबर २०१७

जर्मनी के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पहली बार सेल्फड्राइविंग बस आयी है. बस की पहली यात्रा खासी सफल रही है. वहीं किसी आपातकालीन स्थिति में बस को जॉयस्टिक की मदद से मानवीय नियंत्रण में लिया जा सकता है.

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Deutschland Bad Birnbach Erster autonomer Elektro-Bus im öffentlichen Nahverkehr
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Geiger

तस्वीर में नजर आ रही यह बस कोई आम बस नहीं है, बल्कि जर्मनी के बवेरिया प्रांत में पहली बार बिना ड्राइवर के चलायी गयी खास सेल्फड्राइविंग बस है. इसने हाल ही में अपनी पहली यात्रा को पूरा किया है. इस खास बस में बैठने के लिए छह जगह बनायी गयी हैं और साथ ही छह यात्री इसमें खड़े भी हो सकते हैं. जर्मन रेलवे कंपनी डॉयचे बान की निगरानी में चलायी गयी यह बस वैसे तो बिना किसी चालक के चलेगी लेकिन किसी आपातकालीन स्थिति में इसे जॉयस्टिक के साथ मानवीय नियंत्रण में लिया जा सकता है. कंपनी प्रमुख रिचर्ड लुट्स ने बस की पहली यात्रा के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम परिवहन के नये दौर की तरफ बढ़ रहे हैं."

Deutschland Erster autonomer eBus im öffentlichen Nahverkehr in Bayern
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Geiger

स्टार्ट अप की खोज

इस बस को फ्रांस के स्टार्ट अप "इजीमाइल" ने तैयार किया है. इसमें खास ढंग से सेंसर लगाये गये हैं जो रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा की पहचान कर ब्रेक को सक्रिय कर देते हैं. इसे रास्ते के मुताबिक प्रोग्राम किया जाता है. तय रास्तों पर ये बसें 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सफर शुरू करेंगी जो बाद में बढ़कर 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकता है. हालांकि बस स्वयं को बाधा से बचाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. मसलन अगर बस के रास्ते में गलत ढंग से कोई कार खड़ी हो तो उस स्थिति में बस को जॉयस्टिक की मदद से मानवीय नियंत्रण में लेना होगा. 

Deutschland Bad Birnbach Erster autonomer Elektro-Bus im öffentlichen Nahverkehr
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Hase

जॉयस्टिक एक तरफ की इनपुट डिवाइस होती है जिसके बेस पर एक स्टिक होती है जो कोण या दिशा पर नियंत्रण रखती है. जॉयस्टिक को कंट्रोल कॉलम भी कहा जाता है. 

अन्य शहरों के प्रयोग

डॉयचे बान को उम्मीद है कि ऐसी बस सेवायें जल्द ही निजी कार सेवाओं की तरह ऑन डिमांड काम करेंगी. लुट्स ने कहा कि ऑटोनॉमस (सेल्फ) ड्राइविंग जर्मन सड़कों पर जल्द ही हकीकत बन जायेगी.

अगले साल तक जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े शहर हैम्बर्ग समेत अन्य शहरों में भी ऐसी सेवायें लॉन्च की जायेंगी. हालांकि दुनिया के अन्य शहर मसलन पेरिस, लास वेगस और दुबई में ऐसे ही ऑटोनॉमस व्हीक्लस पर प्रयोग चल रहे हैं.

एए/आईबी (एएफपी, डीपीए)