जर्मन नागरिक पर तालिबान का सलाहकार होने का आरोप
१ मार्च २०१८अफगान पुलिस ने कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक जर्मन नागरिक और तीन तालिबान लड़ाके हैं. कार्रवाई हेलमंद प्रांत के गेरेश्क जिले में हुई. प्रांतीय गर्वनर के प्रवक्ता ओमर स्वाक के मुताबिक, जर्मन नागरिक ने काले रंग की पगड़ी बांधी थी और उसकी लंबी दाढ़ी भी थी.
गेरेश्क के पुलिस प्रमुख इस्माइल खपलवाक का कहना है कि जर्मन नागरिक तालिबान के बड़े कमांडरों में शुमार "मुल्ला नासिर का सैन्य सलाहकार" रहा चुका है. मुल्ला नासिर तालिबान के एलीट "रेड यूनिट" का कमांडर था. जर्मन प्रशासन की तरफ से अभी इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है.
रेड यूनिट तालिबान की खास यूनिट है, जो अफगान सेना और पुलिस पर घातक हमले करती रही है. दिसंबर 2017 में अफगान सेना ने मुल्ला नासिर उर्फ मुल्ला शाह वली या हाजी नासिर को मारने का दावा किया.
जर्मन नागरिक की अफगानिस्तान में गिरफ्तारी से पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के कान खड़े होंगे. यूरोप के कई युवा सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट की तरफ से लड़ने गए, इसका पता सबको है. लेकिन अब अफगानिस्तान में भी उनकी मौजूदगी का पता चल रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान और अल कायदा के लिए लड़ने वाले ज्यादातर विदेशी लड़ाके अब तक पाकिस्तान, चेचन्या और उज्बेकिस्तान से आते रहे हैं. हेलमंद प्रांत तालिबान का गढ़ है, वहां अफीम की अथाह खेती होती है. इससे तालिबान काफी पैसा भी कमाता है.
हाल के समय में तालिबान ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं. 2014 में नाटो के अफगानिस्तान से निकलने के बाद वहां हिंसा में तेजी आई है. अब अमेरिका और अफगानिस्तान सरकार के साथ तालिबान से शांति वार्ता की इच्छा जता रहे हैं.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)