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जर्मन गृह मंत्री की इस्तीफे की पेशकश

२ जुलाई २०१८

जर्मन सरकार की शरणार्थी नीति से खफा चल रहे गृह मंत्री हॉर्स्ट जेहोफर ने इस्तीफा देने की पेशकश की है. सोमवार को वह चांसलर अंगेला मैर्केल से मिलने वाले हैं, जिसके बाद तय होगा कि वह सरकार में रहेंगे या नहीं.

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Horst Seehofer, CSU-Vorsitzender & Innenminister in München
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Kneffel

जेहोफर ने पुष्टि की है कि उन्होंने तीन दिन के भीतर संघीय सरकार में गृह मंत्री का पद छोड़ने के साथ साथ अपनी पार्टी सीएसयू के नेता पद से भी हटने की पेशकश की है.

जेहोफर शरणार्थियों पर चांसलर मैर्केल की नीतियों से खुश नहीं हैं. हालांकि इस बारे में यूरोपीय संघ की नई डील के बाद इस तनाव के घटने के आसार थे. लेकिन इस्तीफे की पेशकश कर जेहोफर ने फिर से जर्मन राजनीति का पारा चढ़ा दिया है.

दूसरी तरफ, म्यूनिख में सोमवार सवेरे हुई सीएसयू की बैठक से जुड़ी रिपोर्टें कहती हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जेहोफर को इस्तीफा न देने के लिए मनाने की कोशिश की है. लेकिन जेहोफर का कहना है कि अपने भविष्य के बारे में कुछ भी सोचने से पहले वह चांसलर मैर्केल से शरणार्थी नीति पर ज्यादा बात करना चाहते हैं.

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जेहोफर की सीएसयू पार्टी अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी की अहम सहयोगी है और गठबंधन सरकार में साझीदार है. जेहोफर जर्मनी में आने वाले आप्रवासियों की संख्या पर पाबंदियां लगाने की मांग करते रहे हैं. पिछले हफ्ते उन्होंने जर्मनी की सीमाओं पर पहुंचने वाले लोगों को वापस लौटाने की धमकी दी थी. उनके इस रुख से मैर्केल सरकार के भविष्य को लेकर अटकलें लगने लगीं.

मैर्केल का कहना है कि ग्रीस और स्पेन उन शरणार्थियों को वापस लेने के लिए राजी हो गए हैं जिन्हें दक्षिणी जर्मन प्रांत बवेरिया और ऑस्ट्रिया की सीमा पर रोका गया है, क्योंकि यह साबित हो चुका है कि ये लोग सबसे पहले उनके देशों में दाखिल हुए थे. मैर्केल ने उम्मीद जताई कि इस कदम से सीएसयू की चिंताएं दूर होंगी. लेकिन जर्मन सरकार में इस मुद्दे पर तनाव बरकरार है. कई अन्य देशों में भी यूरोपीय संघ की नई डील को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि जेहोफर से मैर्केल के टकराने की वजह बवेरिया में जल्द ही होने वाले प्रांतीय चुनाव हैं जहां धुर दक्षिणपंथी एएफडी से सीएसयू को चुनौती मिल रही है.

हालांकि बवेरिया में होने वाले सर्वे बताते हैं कि वहां के लोग सीएसयू नेता के मुकाबले मैर्केल से ज्यादा संतुष्ट हैं. इससे जेहोफर की स्थिति कमजोर होती है. 2015 के प्रवासी संकट के बाद मैर्केल ने जर्मनी में दस लाख से ज्यादा शरणार्थियों को जगह दी थी.

एके/आईबी (डीपीए, एएफपी)

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