जर्मन उद्योगपतियों के सनसनीखेज मुकदमे
जर्मनी कामयाब औद्योगिक देश है. इसकी वजह है उद्योगपतियों और मैनेजरों की कड़ी मेहनत. हालांकि सफलता और मुनाफे के लिए वे सिर्फ मेहनत ही नहीं करते, रिश्वतखोरी, धांधली और धोखाधड़ी का भी सहारा लेते हैं.
डीजल कांड
करीब पांच साल पहले अमेरिका में जर्मन कार कंपनी फोल्क्सवागेन के डीजल धोखाधड़ी कांड का रहस्य खुला. अब रुपर्ट श्टाडलर के रूप में पहली बार किसी कार कंपनी के पूर्व बॉस पर मुकदमा शुरू हो रहा है. रुपर्ट श्टाडलर 2007 से 2018 तक फोल्क्सवागेन के ऑडी ब्रांड के प्रमुख थे और चार महीने जेल में थे. मुकदमे के लिए दो साल का समय रखा गया है.
दिवालिया श्लेकर
श्लेकर कंपनी कभी यूरोप का सबसे बड़ा ड्रगस्टोर चेन हुआ करती थी. फिर वह अचानक दिवालिया हो गई. कंपनी के दिवालिया होने के कारणों पर चले मुकदमे में कंपनी के संस्थापक अंटोन श्लेकर के बच्चों माइके और लार्स को कई सालों की कैद की सजा सुनाई गई. आरोप था कंपनी की खराब आर्थिक स्थिति को छुपाने का. कंपनी के बंद होने से पहले भी शेयरधारकों को लाखों का मुनाफा बांटा गया.
सीमेंस का कीचड़
प्रसिद्ध सीमेंस कंपनी में अरबों की रिश्वतखोरी घोटाला तब पता चला जब नवंबर 2006 में म्यूनिख के अभियोक्ता दफ्तर ने छापा मारा. सालों से 1.3 अरब यूरो एक काले खाते में जमा किए जाते थे और इसका इस्तेमाल विदेशों में टेंडर और ऑर्डर पाने के लिए किया जाता था. इस कांड पर काबू पाने में सीमेंस के 2.5 अरब यूरो खर्च हुए और बहुत से लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी.
एमएएन कांड
मान (एमएएन) जर्मनी की ट्रक और कमर्शियल गाड़ी बनाने वाली कंपनी है. 2009 में वह भ्रष्टाचार की जांच करने वाले अधिकारियों की निगाहों में आ गई. जांच के अंत में कंपनी के सारे प्रमुख अधिकारियों को अपना पद छोड़ना पड़ा और कंपनी को 15 करोड़ यूरो का जुर्माना भरना पड़ा. घरेलू बाजार के अलावा विदेशों में ट्रकों और बसों की बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी रिश्वत देती थी.
मानेसमन की बिक्री
जर्मनी में प्रमुख आर्थिक घोटालों वाला एक मुकदमा 2006 में बिना किसी फैसले के खत्म हुआ. 2000 में जब ब्रिटेन की वोडाफोन कंपनी ने जर्मनी के मानेसमन का अधिग्रहण किया तो लाखों का बोनस पे किया गया. मैनेजरों और ट्रेड यूनियन अधिकारियों पर विश्वासघात और मदद के आरोप में मुकदमा चला. उन्हें 58 लाख यूरो का जुर्माना भरना पड़ा लेकिन सजा नहीं हुई.
फ्लोटेक्स कांड
एटलिंगन की कंपनी ने 1990 के दशक में 3000 से ज्यादा ड्रिलिंग मशीनें बेचीं. ये मशीनें जमीन के भीतर ड्रिलिंग के काम आती थी. लेकिन मजेदार बात ये थी कि ये बिक्रियां सिर्फ पेपर पर हुई थी. 2000 में ये धोखाधड़ी पकड़ी गई. नतीजा ये हुआ कि कर्जदारों ने 1.2 अरब यूरो का दावा ठोका, जांच के 120 से ज्यादा मामले दर्ज हुए और कई मुकदमे चले.
मीडिया कंपनी और डॉयचे बैंक
जर्मनी के जाने माने मैनेजर लियो किर्ष और उनकी मीडिया कंपनी को कर्ज देने वाले डॉयचे बैंक के मैनेजर का झगड़ा सालों चला. आखिरकार 2019 में जर्मनी की संघीय अदालत ने डॉयचे बैंक के मैनेजरों को बरी किए जाने की पुष्टि की. किर्ष ने 2002 में अपनी कंपनी के दिवालिया होने की घोषणा की और इसके लिए बैंक के प्रमुख पॉल्फ ब्रॉयर को जिम्मेदार ठहराया.
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