जर्मन उद्योग पर असर डाल रहा है कोरोना वायरस
५ मार्च २०२०ऐसे समय में जब जर्मनी के दफ्तर कर्मचारियों को सुरक्षा देने और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों में लगे हैं जर्मन उद्योग जगत देश में मंदी का खतरा देख रहा है. जर्मन उध्योग संघ ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कहा है, "आर्थिक प्रगति के ठहर जाने का खतरा पैदा हो गया है." उद्योग संघ का कहना है कि कोरोना प्रभावित देशों में यदि साल की दूसरी तिमाही में स्थिति बेहतर नहीं होती है तो जर्मनी में सालाना आर्थिक विकास दर में कमी होगी.
अगर जर्मनी को इस साल मंदी का सामना करना पड़ता है तो 2009 के बाद सकारात्मक आर्थिक विकास की आदत वाले जर्मनी के लिए यह पहला साल होगा जब वह आर्थिक मंदी की चपेट में होगा. उस समय वैश्विक वित्तीय संकट के कारण लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में आ गई थीं.
जर्मन उद्योग संघ इस साल देश में सकल राष्ट्रीय उत्पाद में 0.5 फीसदी प्रगति की उम्मीद कर रहा था. इसकी एक वजह ये भी है कि इस साल जर्मनी में 2019 के मुकाबले ज्यादा काम के दिन हैं क्योंकि कई राष्ट्रीय छुट्टियां रविवार के दिन हो रही है. 2019 में जर्मनी की विकास दर 0.6 फीसदी थी. उसके पहले के दो सालों मे जर्मनी की आर्थिक विकास दर कहीं ज्यादा थी.
जर्मन उद्योग संघ हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं है. उसने सरकार से फौरी कदम उठाने की मांग की है ताकि विकास दर में गिरावट को रोका जा सके. संघ ने कहा है कि सरकारी गठबंधन को अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाने के लिए राजनैतिक कदम उठाने चाहिए और इस्टर से पहले ही उन्हें संसद में पास करवाना चाहिए. संघ ने काम के घंटे घटाए जाने जैसे कदमों का सुझाव दिया है.
2008 में वित्तीय संकट के समय लागू किए गए इस कदम के दौरान पर्याप्त ऑर्डर नहीं रहने पर कंपनियां अपने कर्मचारियों का काम का समय घटा सकती थी. इस अवधि के लिए कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं देना पड़ता था, उन्हें रोजगार दफ्तर से बेरोजगारी नियमों के तहत भत्ता मिलता था जो सैलरी में कमी को पूरा करता था. इस तरह कंपनियां अपनी लागत घटा सकती थीं.
जर्मन उद्योग संघ ने कहा है कि सरकार को उद्योग को समर्थन देने के कदमों के अलावा विकास को दूरगामी रूप से बढ़ावा देने के कदम भी तय करने चाहिए. इस समय जर्मनी में खासकर परिवहन, डिजीटल संरचना, शिक्षा, शोध में निवेश रुका पड़ा है. उद्योग संघ का कहना है कि कम से कम दस साल वाले भरोसेमंद निवेश पैकेज की जरूरत है जो इसी साल शुरू हो जाए. उद्योग संघ बजट घाटे को शून्य पर रखने की सरकार की नीति को भी सही मानता है और उसका कहना है कि जरूरी निवेश को संतुलित बजट की नीति की भेंट नहीं चढ़ाया जाना चाहिए.
आने वाले रविवार को गठबंधन की पार्टियों की बैठक होने वाली है जिसमें सीडीयू, सीएसयू और एसपीडी पार्टियों के नेता संभव कदमों के बारे में बात करेंगे. जर्मनी के अर्थनीति मंत्री पेटर अल्टमायर ने अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के असर को कम करने के लिए एक तीन स्तरीय योजना पेश की है जिसमें प्रभावित कंपनियों को कर्ज उपलब्ध कराने के कार्यक्रम का विस्तार करने और वित्तीय सहायता का रकम बढ़ाने का प्रस्ताव है.
भारत में उद्योग के अलग अलग हिस्सों में कोरोना का असर दिखने लगा है. खासकर उन दवाओं के क्षेत्र में जहां कच्चा माल चीन से आता है दवाओं की कमी महसूस की जा रही है और भारत ने पैरासिटामोल जैसी दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी है.
एमजे/सीके (डीपीए)
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