जर्मन आल्प का खूबसूरत इलाका
आल्प की पहाड़ियां एवरेस्ट जितनी ऊंची तो नहीं, लेकिन खूबसूरत और अपेक्षाकृत सुगम्य जरूर हैं. आल्प के जर्मन हिस्से की खूबसूरती का ये हाल है कि स्थानीय कहावत है कि यहां वही लाए जाते हैं जिन्हें भगवान प्यार करता है.
शाही नजारा
अगस्त 2018 से एक केबल कार लोगों को 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित येनर पहाड़ों तक ले जाएगी. चोटी तक का छोटा रास्ता तय करने वालों को बैर्ष्टेसगाडेन नेशनल पार्क का खुला नजारा दिखेगा. 1978 में इसकी सथापना इसलिए की गई थी कि इलाके में प्रकृति बिना किसी बाधा के फलती फूलती रहे.
बैर्ष्टेसगाडेन
बैर्ष्टेसगाडेन का इतिहास ऑगुस्टीन ऐबी के अतीत से जुड़ा है जिसकी स्थापना संभवतः 1102 में हुई थी. स्थानीय नमक और खानों से निकले धातुओं के कारोबार की वजह से बस्ती बढ़ती गई. 1810 में ऑगुस्टीन ऐबी बवेरिया के शासन में आया और अभी भी यहां बवेरिया के शाही परिवार का निवास है.
पहाड़ों पर ध्यान
नेशनल पार्क सेंटर हाउस डेय बैर्गे में पार्क को हर पहलू से देखा जा सकता है. वहां जंगल के शोर को सिमुलेट किया गया है, प्राकृतिक गतिविधियों को समझाया गया है और नकली जानवरों को देखा और महसूस किया जा सकता है. वहां संदेश लिखा है, प्रकृति की सुंदरता देखिए, उसका संरक्षण कीजिए, उसे बचाइए.
वात्समन पहाड़
वात्समन पहाड़ इस इलाके का लैंडमार्क है. 2700 मीटर ऊंचा पहाड़ अपने अस्वाभाविक आकार के लिए जाना जाता है. किंवदंती है कि इलाके के बदमाश राजा वात्से को सजा देने के लिए भगवान ने उसे, उसकी पत्नी और बच्चों को पहाड़ बना दिया. ऊंची चोटी वात्से की है और बाकी उसके परिवार वालों की.
कोएनिगजे झील
ये प्राकृतिक झील बैर्ष्टेसगाडेन नेशनल पार्क की भव्य पहाड़ी दीवारों के बीच स्थित है. फ्योर्द जैसी ये झील 8 किलोमीटर लंबी और 200 मीटर गहरी है. इसकी वजह से ये गर्मियों में भी बहुत ठंडी रहती है. यहां आने वाले पर्यटकों को पर्यावरण सम्मत इलेक्ट्रिक बोट एक पार से दूसरे पार ले जाती है.
झील की गूंज
झील में आधी दूरी पार करने के बाद कैप्टेन बोट को रोक देता है और एक तुरही निकालकर उसे बजाता है. पहाड़ी दीवारों से टकराती आवाज प्रतिगूंज पैदा करती है. ये गूंज पहाड़ से बार बार टकराती है और नई गूंज पैदा करती है. पहले कभी कभी गोले भी छोड़े जाते थे, लेकिन आग के डर से अब उसे बंद कर दिया गया है.
तीर्थ वाला गिरजा
आधे घंटे के सफर के बाद इलेक्ट्रिक बोट हिर्शाउ पहुंचती है जो वात्समन के पूर्वी किनारे पर स्थित है. ये जगह 17वीं सदी में बने बार्थोलोमेव चर्च के लिए जानी जाती है, जो ईसाईयों का तीर्थस्थान है. चर्च के पास पुराना शाही लॉज है जहां शाही परिवार शिकार के लिए जाता था. अब वहां रेस्तरां और बीयर गार्डन है.
विमबाख घाटी
झील का पानी तेज आवाज करता रामजाउ के निकट संकड़ी विमबाख घाटी से गुजरता है. इस घाटी में बने पुल और रास्ते लोगों को 200 मीटर गहरी चट्टानों तक ले जाते हैं. पानी पर गिरकर टूटते सूरज की किरणों से बना विल्डबाख का गहरा नीला रंग खास तौर पर सुंदर लगता है. यहां से कुछ दूरी पर विमबाख कासल है.
क्लाउसबाखताल का पुल
51 मीटर लंबा सस्पेंशन ब्रिज क्लाउसबाख नदी के दोनों ओर स्थित घाटी को जोड़ता है. बैर्ष्टेसगाडेन नेशनल पार्क में हाइकिंग का लोकप्रिय ठिकाना उकाबों की घाटी के रूप में भी जाना जाता है. अगर समय ठीक ठाक हो तो पर्यटक यहां सुनहरे उकाबों को चीखते चिल्लाते भी देख सकते हैं.
पहाड़ी हरियाली
क्लाउसबाखताल घाटी में कई सुंदर वादियां हैं और चरागाह भी. बिंजाल्म में पैदल चतकर या एडवेंटर बस पर पहुंचा जा सकता है. ये इलाका संरक्षित है, इसलिए कारों को यहां आने की इजाजत नहीं है. चरागाहों का इस्तेमाल परंपरागत रूप से होता है. यहां सिर्फ गर्मियों में मवेशियों को चरते देखा जा सकता है.
पहाड़ी मवेशी
बिंडाल्म में पिंसगाऊ की गायें मिलती हैं. ये बहुत ही दुर्लभ प्रजाति है जो खतरे में पड़े मवेशियों की लाल सूची में रजिस्टर्ड है. रात में उन्हें पहाड़ी चरागाहों में छोड़ दिया जाता है और दिन होते ही वापस तबेलों में बांध दिया जाता है. किसान उनके दूध से चीज बनाते हैं जिसे वे इलाके में आने वाले पर्यटकों को बेचते हैं.