जर्जर हाल में पुलवामा में कश्मीरी हिंदुओं के घर
जम्मू कश्मीर में 1990 के दशक में हथियारबंद आंदोलन की शुरुआत के बाद हिंदुओं को निशाना बनाया गया. हजारों कश्मीरी हिंदू प्रांत छोड़कर देश के दूसरे हिस्सों में चले गए. उनके घर वीरान पड़े हैं और खस्ताहाल हैं.
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के हाल गांव में कश्मीरी हिंदुओं के परिवार रहते थे. पत्रकार गुलजार बट ने गांव का दौरा किया और स्थानीय वास्तुकला में बने टूटे फूटे घरों की तस्वीरें ली.
1990 के पहले हाल गांव में करीब 100 कश्मीरी हिंदू परिवार रहते थे. तकरीबन सारे इस बीच गांव छोड़ चुके हैं. अब इस इलाके में सिर्फ एक हिंदू परिवार रहता है.
बहुत से कश्मीरी हिंदू परिवारों ने इलाके में असुरक्षा के कारण अपना घरबार और जायदाद बेच दिया. जिन लोगों ने घर नहीं बेचा, उनके घर अब बहुत ही बुरी हालत में हैं.
कश्मीर में हमलों के कारण कश्मीरी हिंदू अपना घर बार और जायदाद छोड़कर भाग गए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 62,000 कश्मीरी हिंदू भारत के दूसरे हिस्सों में शरणार्थी हैं.
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और प्रांत को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया. लेकिन कश्मीरी हिंदुओं की वापसी नहीं हो पाई है.
इस साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रवासी कश्मीरी हिंदुओं के लिए दस टाउनशिप बनाने की घोषणा की थी. लेकिन उसके निर्माण की दिशा में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है.
जम्मू कश्मीर का पुलवामा का इलाका चरमपंथियों का गढ़ रहा है. इलाके में शांति अभी तक वापस नहीं लौटी है. देश के दूसरे हिस्सों में शांति में रह रहे कश्मीरी वहां वापस लौटने से घबरा रहे हैं.
कश्मीरी हिंदुओं के घर छोड़कर भागने के बाद उनके मकान जर्जर हालत में हैं और पूरी तरह से ढह गए हैं. उन्हें रिहायश के लायक बनाना आसान नहीं होगा. यहां नए घर ही बनाने होंगे.