ऑपरेशन से जाता मोटापा
१५ जून २०१३महंगी बैरियैट्रिक सर्जरी दुनिया भर में अरबों का बाजार है और भारत में इसकी दीवानगी बढ़ रही है. दो साल पहले मुंबई के व्यवसायी करसन पटेल ने यह ऑपरेशन करवाया था. 162 किलो के पटेल गंभीर डायबिटीज और खर्राटे से परेशान थे. वजन के कारण उन्हें चलने फिरने में जब काफी मुश्किल होने लगी तो उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी गई. एक साल बाद पटेल ने वजन 50 किलो घटा लिया है और उनका जिंदगी अब हल्की हो गई है.
चर्बी छू
दिल्ली के प्रतीक कुमार बड़े दिनों तक मोटापे की मुश्किलों से जूझते रहे. उन्हें एसिडिटी, दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप टू डाइबिटीज की शिकायत थी. अब ऑपरेशन के बाद सब ठीक है. पेट का आकार छोटा करना वजन कम करने का सबसे स्वाभाविक तरीका है. कुमार ने डॉयचे वेले को बताया, "मैंने 30 किलो कम कर लिए हैं और अब नियमित कसरत करता हूं. मेरा जीवन बेहतर हो गया है जो कि सबसे बड़ी बात है. अब लोग मुझ पर ताना नहीं कसते या फिर मुझे घूरते नहीं." पटेल और कुमार दोनों ही शहरी भारत में बढ़ रहे फैशन में शामिल हो गए हैं. जहां मध्य वर्ग लगातार इस सर्जरी का रुख कर रहा है.
कैसे होती है सर्जरी
इस प्रक्रिया में अलग अलग तकनीक से पेट का आकार कम किया जाता है इससे सीधे भूख कम होती है और शरीर में कम खाना जाता है. शरीर जमी हुई चर्बी यानी फैट का उपयोग शारीरिक कामों के लिए करने लगता है. इससे तेज और स्थाई तरीके से वजन कम होता है. चूंकि शरीर में ज्यादा खाना जाने की संभावनाएं घट जाती है इसलिए वजन बढ़ना भी कम हो जाता है.
वजन कम किए जाने वाले ये ऑपरेशन शहरी इलाकों में लोगों को खूब भा रहे हैं क्योंकि ये मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं दिल की बीमारी और मोटापे से जुड़ी बाकी परेशानियों को भी खत्म कर पाते हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि लोग इस ऑपरेशन को आकर्षक बताते हैं और इसे महंगा नहीं मानते.
शहरी फैशन
पुणे के डॉक्टर शशांक शाह इस तरह के ऑपरेशन करते हैं. वे अब तक 250 ऑपरेशन कर चुके हैं. वह कहते हैं कि यह बढ़ता ट्रेंड है और युवा भी इस तरह वजन कम करने का शॉर्टकट अपना रहे हैं. "लोग पैसे देने में नहीं डरते. उन्होंने उम्मीद होती है कि वह सर्जरी के बाद दुबले पतले लगने लगेंगे. हालांकि हम सर्जरी तभी करते हैं अगर बाकी मेडिकल ट्रीटमेंट फेल हो जाएं."
हालांकि इस तरह की सर्जरी का फैशन बहुत अच्छा संकेत नहीं है. क्योंकि शरीर का वजन अचानक कम होने से त्वचा ढीली हो कर लटक जाने का अंदेशा होता है. इसलिए इसे ठीक करने के लिए फिर कॉस्मेटिक सर्जरी भी करनी पड़ सकती है.
बेहतर है कि जीवन को समय रहते ही नियमित कर लिया जाए. खूब कसरत की जाए और कसरत करने का मतलब सिर्फ घर के काम नहीं होते वो थकान तो पैदा करते हैं लेकिन कसरत का फायदा दें जरूरी नहीं. शरीर के सभी हिस्सों के लिए कसरत का फायदा अलग होता है.
रिपोर्टः रोमा राजपाल/आभा मोंढे
संपादनः एन रंजन