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जयराम रमेश को प्रधानमंत्री की फटकार

११ मई २०१०

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश को कड़ी फटकार लगाई. चीन में भारतीय गृहमंत्रालय की आलोचना करने वाले रमेश को सोनिया गांधी ने भी लताड़ा. बीजेपी ने कहा, इस्तीफ़ा दें रमेश.

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तस्वीर: AP

चीन में जयराम रमेश ने बयान दिया कि भारतीय गृहमंत्रालय भारत में चीनी निवेश के बारे में सतर्क रुख अपनाए हुए और उस पर ग़ैरज़रूरी रोक लगाए हुए है. रमेश के इस बयान से गृहमंत्री पी चिदंबरम ख़ासे नाराज़ हुए और उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की.

मामला गर्म होता देख रमेश ने तुरंत भारत लौटकर मनमोहन सिंह और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा और बयान पर सफाई दी. लेकिन अपने ही मंत्री के बयान से ख़िसियाई सरकार का गुस्सा लिखित सफाई कम न हुआ. प्रधानमंत्री ने रमेश कड़ी फटकार लगाई. रमेश को नसीहत दी गई कि उन्हें किसी भी मंत्रालय के काम के बारे में कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय दूसरे मंत्रालय को लेकर किसी मंत्री की टिप्पणी की सराहना नहीं करता है. ख़ासतौर पर तब जब टिप्पणी विदेश में की जाए.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पेइचिंग के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है और उन्हें चीन की नीतियों के बारे में कोई भ्रम नहीं है.

पीएम की फटकार के बाद बारी कांग्रेस की थी. पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी ने रमेश के बयान पर नाराज़गी जताई. पार्टी सूत्रों का कहना है कि रमेश की सफ़ाई का सोनिया पर कोई असर नहीं पड़ा.

इस बीच बीजेपी ने प्रधानमंत्री से जयराम रमेश के इस्तीफ़े की मांग की है. पार्टी का कहना है कि रमेश ने एक मंत्री होने के बावजूद देश के अंदरूनी मामले पर विदेशी धरती पर ऐसी टिप्पणी क्यों की. पार्टी ने पर्यावरण मंत्री के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई और इस्तीफ़े की मांग की है.

रिपोर्टः एजेसियां/आभा मोंढे

संपादनः ओ सिंह