जयपुर में साहित्य महोत्सव
जयपुर में इस साल ग्यारहवां साहित्य सम्मेलन बिना किसी बड़े विवाद के समाप्त हो गया. इसे एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव और निःशुल्क साहित्य कुंभ कहा जाता है.
फिल्म पद्मावत पर चर्चा
जयपुर साहित्य सम्मेलन और विवाद का सम्बन्ध चोली दामन जैसा है. इस बार संजय लीला भंसाली की फिल्म "पदमावत " जो कि राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ की महारानी की कहानी है, गाहे -बगाहे सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में चर्चा का विषय बनती रही. जयपुर की वरिष्ठ लेखिका मृदुला बिहारी की किताब ‘पूर्णाहुति’ का अंग्रेजी अनुवाद ‘पद्मिनी दि स्पिरिटिड क्वीन ऑफ चित्तौड़’ सम्मलेन में लोकार्पित की गयी.
लेखक विशाल
पद्मावती के गहराते विवाद के कारण भारतीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी और जावेद अख्तर सम्मेलन में नहीं आए. उनकी कमी प्रसिद्ध संगीतकार विशाल भरद्वाज ने बतौर लेखक पूरी कर दी. विशाल ने नज़्मों और ग़जलों की नयी किताब लिखी है जिस का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है.
खुद की तलाश
सम्मेलन में भारत की प्रख्यात क्लासिकल नृत्यांगना सोनल मान सिंह की आत्मकथा पर भी बेबाकी से चर्चा हुई. सोनल किताब की लेखिका सुजाता प्रसाद से यह जानना चाहती थीं कि आखिर उन्होंने उनमें ऐसा क्या देखा जो उनकी आत्मकथा लिखने को तैयार हो गईं. सोनल हिन्दुस्तानी, कर्नाटक और उड़िया संगीत घराना शैलियों में खासी पारंगत हैं.
साहित्य और अभिनय
हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी को देखने वालों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि बहुत बड़ा पंडाल भी छोटा पड़ गया. नवाजुद्दीन ने अपनी नयी फिल्म "मंटो" के बारे में तफ्सील से जानकारी दी. यह फिल्म उर्दू के नामवर शायर "मंटो" की जिंदगी पर आधारित है.
अभिनय का ऑफर
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं लेकिन भारत के साथ अभी भी जुड़े हैं. उनका कहना था कि संगीत का संबंध साज से नहीं बल्कि उसकी आत्मा से होता है. उन्होंने राज खोला कि मुगले आजम में उन्हें सलीम के रोल ऑफर हुआ था परन्तु पिता ने यह कहते हुए मना कर दिया कि एक्टिंग से इसका दिमाग सातवें आसमां पर चढ़ जाएगा.
राजनीति के बाद लेखन
कांग्रेस की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी आत्मकथा का विमोचन किया. 'सिटीजन दिल्ली- माई टाइम, माई लाइफ' नामक इस किताब में पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित के जीवन और राजनीतिक सफर से जुड़े कई रोचक पहलुओं का जिक्र है.
हिंदू बनाम हिंदुत्व
कांग्रेस के सांसद और अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक शशि थरूर ने हिंदी भाषा को सब पर थोपे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी भारतीयों की भाषा नहीं है. उन्होंने अपनी नई किताब 'मैं हिन्दू क्यों हूं" पर भी चर्चा की और कहा कि हिंदू धर्म इस सदी के लिए सबसे सही है बस इसे संकीर्ण नजर से देखा जा रहा है.
पाठकों का आकर्षण
व्हाट्स ऐप और ट्विटर पर छोटे -छोटे संदेशों से काम चलाने वाली भारत की मौजूदा पीढ़ी ने किताबें पढ़ना नहीं छोड़ा है. जयपुर जैसे साहित्य महोत्सव किताबों और पाठकों को करीब लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. जयपुर में युवा पाठकों को किताबें खरीदते देखना लेखकों के लिए भी खासा सकून देता लगा. लेकिन जयपुर आने वालों में सेलिब्रिटी लेखक ही ज्यादा होते हैं.
पूर्व राष्ट्रपति और इलाके की शांति
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भारत-पाकिस्तान संबंधों और अफगानिस्तान के विकास में भारत के योगदान पर काफी चर्चा की. अफगानिस्तान अभी भी आतंकवाद का शिकार है और शांति स्थापना की संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आती. पूर्व राष्ट्रपति ने तालिबान और आतंकवाद की भी चर्चा की.