जमात उद दावा के झंडे तले भारत विरोधी प्रदर्शन
११ अगस्त २०१०जमात उद दावा संगठन के अजीज अहमद गजाली ने कहा कि अगर भारत में इसी तरह जुल्म होते रहे तो नियंत्रण रेखा पार कर लोगों की मदद की जाएगी. "अगर भारत के कब्जे वाले कश्मीर में अत्याचार जारी रहा तो हम नियंत्रण रेखा को पार करेंगे और अपने भाइयों की मदद करेंगे." वहीं अबू अली ने ब्रिटेन की यात्रा कर रहे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर भी निशाना साधा. "कश्मीर में निहत्थे लोग मारे जा रहे हैं और हमारे नेता विदेश की यात्रा कर रहे हैं."
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में हुई रैली में करीब 300 लोगों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक मुख्यालय तक भी गए और उन्होंने यूएन और भारत विरोधी नारे लगाए.
हाल के दिनों में पाकिस्तान में कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और उन्हें आयोजित कराने में जमात उद दावा की भूमिका मानी जाती है. भारत आरोप लगाता रहा है कि जमात उद दावा संगठन ने 2008 में मुंबई हमलों की साजिश रची जिसमें 166 लोग मारे गए.
जून महीने में आंसूगैस के गोले से एक छात्र की मौत हो जाने के बाद से भारत प्रशासित कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में हिंसक रूप अख्तियार कर लिया. प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने फायरिंग की, जिसमें भी कई लोगों की जान गई है.
अब तक विरोध प्रदर्शनों में 50 लोग मारे जा चुके हैं. भारत के गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन भड़काने में पाकिस्तान का हाथ है लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने इससे इनकार किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार