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छुट्टियां शुरू होने से पहले ही यूरोप के हवाईअड्डे बेहाल

७ जुलाई २०२२

कोविड के साये में दो साल तक घूमने फिरने से दूर रहे लोग जब बाहर निकल रहे हैं तो उनका सामना एयरपोर्ट पर लंबी कतारों, रद्द उड़ानों और कर्मचारियों की हड़ताल से हो रहा है. यूरोप के कई हवाईअड्डों पर समस्या गंभीर हो गई है.

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फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर कर्मचारियों का इंतजर कर रहे सामान
फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर कर्मचारियों का इंतजर कर रहे सामानतस्वीर: brennweiteffm/IMAGO

पहले यात्रियों की कमी के कारण उड़ानें रद्द हुईं और अब यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है तो कर्मचारियों की कमी के कारण यही काम हो रहा है. खासतौर से यूरोप के हवाई अड्डों पर तो ऐसी अफरातफरी है कि लोग अपनी यात्रा को लेकर डरने लगे हैं. यूरोप के प्रमुख हवाई अड्डों पर लोगों को कभी सामान तो कभी चेक-इन या फिर सुरक्षा जांच के लिए घंटों इंतजार में बिताना पड़ रहा है. आखिर इतनी समस्या क्यों हो रही है.

स्टाफ की कमी

कोविड महामारी के दौर में जब हवाई यात्रा लगभग ठप्प हो गई थी तब नुकसान से बचने के लिए बड़ी संख्या में पायलटों और एयरपोर्ट स्टाफ की छुट्टी कर दी गई. जो लोग बचे उनमें से भी बहुतों की या तो तनख्वाह कम कर दी गई या फिर कोई वेतन बढ़ोत्तरी नहीं हुई. अब भीड़ बढ़ने के बाद ये लोग काम की बेहतर परिस्थितियों और तनख्वाह बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

नॉर्वेजियन एयर ने जून में पायलटों को दूसरी सुविधा देने के साथ ही वेतन में 3.7 फीसदी के इजाफे की घोषणा की. इसी तरह फ्रांस की राजधानी पेरिस के एयरपोर्ट स्टाफ ने 8-10 जुलाई तक वाकआउट करने की बात कही है ताकि अपनी मांगों के लिए दबाव बना सकें. यहां के कर्मचारी वेतन में प्रति महीने 300 यूरोप बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं. एयरपोर्ट ऑपरेटर एडीपी ने वेतन में 4 फीसदी बढ़ोत्तरी की बात कही है बशर्ते कि कर्मचारी अपनी हड़ताल टाल दें लेकिन कर्मचारियों ने उनका ऑफर ठुकरा दिया है.

जर्मनी के ड्यूसेलडॉर्फ एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़
जर्मनी के ड्यूसेलडॉर्फ एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़तस्वीर: Kadir Ilboga/AA/picture alliance

ज्यादा वेतन की मांग

लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर ईंधन सेवा मुहैया कराने वाली फर्म के कर्मचारी भी वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर हड़ताल करने जा रहे हैं. 21 जुलाई से उन्होंने 72 घंटे की शुरुआती हड़ताल का एलान किया है. ब्रिटिश एयरवेज के कर्मचारी भी हड़ताल करने की तैयारी में हैं क्योंकि कंपनी ने महामारी के दौर में वेतन में की गई 10 फीसदी की कटौती को खत्म करने से इनकार कर दिया है. आशंका है कि छुट्टी का मौसम जब अपने शबाब पर होगा तब ये कर्मचारी भी हड़ताल पर जायेंगे.

रूस यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोपीय देशों में महंगाई अपने चरम पर है. ऐसे में जब काम का बोझ बढ़ रहा है तो कर्मचारी ज्यादा वेतन की मांग कर रहे हैं. जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा के ग्राउंड स्टाफ का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियन ने कम से कम 350 यूरोप प्रति महीने वेतन बढ़ाने की मांग की है. कर्मचारियों ने लुफ्थांसा से अपनी खर्च घटाने की नीति को भी बंद करने की मांग की है. कर्मचारियों ने चिट्ठी लिख कर एयरलाइन में कुप्रबंधन और जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी खत्म करने की शिकायत की है.

पेरिस के चार्ल्स द गॉल एयरपोर्ट पर कर्मचारियों की हड़ताल से परेशान यात्री
पेरिस के चार्ल्स द गॉल एयरपोर्ट पर कर्मचारियों की हड़ताल से परेशान यात्रीतस्वीर: Lafargue Raphael/ABACA/abaca/picture alliance

केबिन क्रू और पायलटों की हड़ताल

स्पेन में रेयान एयर के कर्मचारी भी जुलाई में कम से कम 12 दिन की हड़ताल करने की योजना बना रहे हैं. कम खर्च वाली इस एयरलाइन के केबिन क्रू जुलाई महीने में 12-15, 18-21 और 25-28 जुलाई को स्पेन के उन सभी 10 एयरपोर्ट पर काम नहीं करेंगे जहां से एयरलाइन के विमान उड़ान भरते हैं.

इसी तरह स्पेन में ही इजीजेट के केबिन क्रू भी जुलाई महीने में 9 दिन की हड़ताल करने की तैयारी में हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उनके मूल वेतन में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो. जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में उनके समकक्षों की तुलना में उनका वेतन बहुत कम है.

स्कैंडिनेवियाई एयरलाइन में तो पायलटों की हड़ताल चल रही है. इसके नतीजे में बुधवार से इसकी 63 फीसदी उड़ानें रद्द हो गई हैं. सोमवार को वेतन को लेकर कंपनी और पायलटों की बैठक नाकाम रही. इसके बाद एक हजार से ज्यादा पायलट हड़ताल पर चले गये. इस बीच कंपनी खराब आर्थिक हालत के चलते खुद को दिवालिया घोषित करा कर संरक्षण हासिल करने की कोशिश में है. कंपनी का कहना है कि पायलटों की हड़ताल के चलते उसकी स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है.

एम्सटर्डम के शिपहॉल एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतार
एम्सटर्डम के शिपहॉल एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारतस्वीर: Peter Dejong/AP Photo/picture alliance

गर्मियो में उड़ानें रद्द

कर्मचारियों की कमी और हड़ताल की आशंकाओं को देख कर कई एयरलाइनों ने गर्मियों में अपनी बहुत सी उड़ानें रद्द कर दी है. केवल ब्रिटिश एयरवेज ने ही इस साल अक्टूबर तक 10 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द करने का एलान किया है. गर्मियों की छुट्टी के दौरान भी कंपनी 10 फीसदी से ज्यादा उड़ान रद्द कर रही है.

लुफ्थांसा और ईजीजेट ने भी हजारों उड़ानें रद्द करने का फैसला किया है. उड़ान में इन कटौतियों का लाखों यात्रियों पर असर होगा.

एयरपोर्ट पर अफरातफरी और अव्यवस्था देखने के बाद परिवहन से जुड़े मंत्री और अधिकारी भी एयरलाइनों को संसाधनों का ख्याल रखते हुए उड़ान तय करने की सलाह दे रहे हैं. ब्रिटेन के गैटविक और एमस्टर्डम के शिपहॉल एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की संख्या सीमित करने की कोशिश हो रही है ताकि कोई अव्यवस्था ना हो.

कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रोत्साहन

एयरपोर्ट और एयरलाइन पायलट से लेकर सुरक्षा कर्मचारी, सीमा नियंत्रण अधिकारी और सामान संभालने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जूझ रहे हैं. इनमें से बहुतों की नौकरी कोविड की महामारी के दौर में चली गई थी.

उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि भारी मांग होने के बावजूद इन्हें आनन फानन में नियुक्त करना मुश्किल है. एक तो एयरपोर्ट पर काम करने वालों को शारीरिक रूप से काफी मेहनत करनी पड़ती है, दूसरे ये नौकरी ज्यादातर शहर के बाहर होती है और तीसरी जो सबसे बड़ी कठिनाई है वो यह कि एयरपोर्ट पर ग्राउंड स्टाफ को मिलने वाला वेतन तुलनात्मक रूप से काफी कम है. सिर्फ इतना ही नहीं कर्मचारियों की ट्रेनिंग और उनकी सुरक्षा जांच के बाद एयरपोर्ट पर काम की अनुमति मिलने में भी महीनों लग जाते हैं.

जर्मनी के कोलोन बॉन एयरपोर्ट पर इंतजार करते यात्री
जर्मनी के कोलोन बॉन एयरपोर्ट पर इंतजार करते यात्रीतस्वीर: Ying Tang/NurPhoto/picture alliance

संकट के समाधान के लिए उठाये गए कदम

एमस्टर्डम का शिपहॉल एयरपोर्ट 15,000 क्लीनरों, सामान संभालने वालों और सुरक्षाकर्मियों को गर्मियों के दौरान प्रति घंटे 5.25 यूरोप अतिरिक्त देने के लिए तैयार हुआ है. यूरोप के सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में से एक शिपहॉल को 500 सुरक्षाकर्मियों को काम पर रखने की जरूरत है. महामारी से पहले एयरपोर्ट पर 68000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे जो अब घट कर 58 हजार पर आ गये हैं.

पेरिस के चार्ल्स द गॉल और ओर्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा, मेंटेंनेंस और ट्रैवल रिटेल के लिए 4,000 कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा. यहां महामारी के दौरान 20,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी चली गई. चार्ल्स द गॉल एयरपोर्ट की सिक्योरिटी कंपनी आईसीटीएस 15 सितंबर तक अपनी छु्ट्टियां टालने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त 180 यूरोप का बोनस दे रही है. साथ ही नए कर्मचारी भर्ती कराने के लिए भी 150 यूरो की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.

लंदन  के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पड़ा यात्रियों का सामान
लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पड़ा यात्रियों का सामानतस्वीर: Takuya Matsumoto/Yomiuri Shimbun/AP Photo/picture alliance

जर्मनी के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट फ्रैंकफर्ट ने 1000 नये कर्मचारियों की बहाली की है. महामारी के दौर में यहां 4000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से हटाया गया था. हालांकि एयरपोर्ट का कहना है कि अगले 2-3 महीने तक यहां समस्याएं बनी रहेंगी.

जर्मनी ने कई हजार एयरपोर्ट कर्मचारियों के लिए फार्ट ट्रैक वीजा और वर्क परमिट देने की योजना बनाई है. खासतौर से तुर्की से आने वाले कामगारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. जर्मनी में ज्यादातर यही लोग ग्राउंड स्टाफ के रूप में काम करते हैं. एयरपोर्ट एसोसिएशन एडीवी के मुताबिक सिक्योरिटी, चेक इन और एयरक्राफ्ट हैंडलिंग में काम करने वाले हर पांच में से एक की जगह खाली है.

पुर्तगाल की सरकार ने भी 4 जुलाई से एयरपोर्ट पर बॉर्डर कंट्रोल स्टाफ की संख्या दोगुनी करने का एलान किया है.

स्पेन की पुलिस मैड्रिड और बार्सिलोना के हवाईअड्डों पर काम करने के लिए 500 और लोगों को नियुक्त करने जा रही है इसके बाद इनकी कुल संख्या 1,700 तक पहुंच जायेगी.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)

जब यात्रियों ने प्लेन से उतर कर उसमें धक्का लगाया