छह साल बाद थाईलैंड में दिया गया मौत का इंजेक्शन
१९ जून २०१८थाइलैंड में 26 साल के थीरासक लोंगजी को साल 2012 में 17 साल के लड़के की हत्या का दोषी माना गया था. सजा सुनाए जाने के छह साल बाद उसे घातक इंजेक्शन देकर थाईलैंड में मौत की नींद सुला दिया गया. थाईलैंड में साल 2009 के बाद पहली बार किसी कैदी को मौत की सजा दी गई है.
इस फैसले की मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ी निंदा की है. साथ ही इसे अपराध कम करने वाले कदम की बजाय गुमराह करने वाला कदम बताया है. साल 2003 में थाईलैंड ने घातक इंजेक्शन के जरिए मौत की सजा देने का प्रावधान तय किया था. तब से लेकर अब तक का यह सातवां ऐसा मामला है जिसमें दोषी को इंजेक्शन दिया गया. इसके पहले 2009 में दो थाई ड्रग डीलरों को मौत की सजा दी गई थी.
थाईलैंड में एमनेस्टी इंटरनेशनल की कैंपेनर काथरीन गेरसन, इसे जीवन के अधिकार का घोर उल्लघंन मानती हैं. उन्होंने कहा,"इस बात का कोई सबूत नहीं मिलता कि मृत्युदंड का कोई प्रतिरोधी प्रभाव होता है. ऐसे में प्रशासन का यह सोचना कि ऐसे कदम अपराधों को कम करेंगे, बिल्कुल गलत है."
उन्होंने कहा कि थाई सरकार को इस तरह के सजा प्रावधानों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए. वहीं थाईलैंड के डिपार्टमेंट ऑफ करेंक्शंस ने इस मसले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है.जेलों में भेड़-बकरी की तरह रहते इंसान
इसके पहले थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयूत चान-ओ-चा ने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा था कि थाई लोग मृत्युदंड के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा,"हमारे आसपास काफी खतरनाक अपराध होते हैं, ऐसे में मृत्युदंड न सिर्फ जरूरत है, बल्कि लोगों की इच्छा भी है."
एशिया में थाइलैंड की जेलें ही कैदियों से सबसे अधिक भरी हुई हैं. यहां ज्यादातर कैदी ड्रग अपराधों से जुड़े हैं. डिपार्टमेंट ऑफ करेंक्शंस के डाटा मुताबिक थाईलैंड में करीब 3.61 लाख कैदी बंद है. थाइलैंड में हत्या और ड्रग तस्करी समेत 35 अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है.
एए/ओएसजे (रॉयटर्स)