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छत्तीसगढ़ के सैकड़ों गांवों में नहीं होगी जनगणना

१८ अप्रैल २०१०

भारत में पहली बार बायोमैट्रिक आधार पर शुरू हुए जनगणना अभियान में छत्तीसगढ़ के सैकड़ों गांवों का कोई ज़िक्र नहीं होगा. प्रशासन का कहना है कि नक्सल प्रभावित कई इलाकों में जनगणना करने वाले अधिकारी नहीं जाएंगे.

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तस्वीर: AP

नक्सलियों के ख़ौफ़ की वजह से छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेड़ इलाके के गांवों में जनगणना करने वाले कर्मचारी नहीं जाएंगे. इन इलाकों के ज़िला प्रशासन ने रायपुर में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षित ढंग से जनगणना करना मुमकिन नहीं है. यानी भारत की जनसंख्या में सैकड़ों गांवों के लोगों का कोई ज़िक्र नहीं होगा.

दत्तेवाड़ा की डीएम रीना कंगाले ने संडे एक्सप्रेस अख़बार से कहा, ''हमने मांग की थी कि जनगणना में दत्तेवाड़ा के 108 गांवों को छोड़ दिया जाए क्योंकि नक्सली वहां अधिकारियों का पहुंचने से रोक रहे हैं. हमारी मांग मान ली गई.'' ज़िला प्रशासन के मुताबिक दंतेवाड़ा के अन्य 255 गांवों में काम करने वाले अधिकारियों को भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

ज़ाहिर है कि अधिकारियों में नक्सलियों का ख़ौफ़ है. बीते दिनों दंतेवाड़ा में ही नक्सलियों ने 70 से ज़्यादा सीआरपीएफ के जवानों की हत्या कर दी थी. इस बड़ी वारदात के बाद बनी जांच समिति पर भी नक्सली ने शनिवार को हमला कर दिया. राज्य पुलिस के पूर्व डीजी इएन राममोहन की अगुवाई में बनी इस जांच समिति को 24 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट सौंपनी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा मोंढे