च्वांगेराई को मंजूर नहीं मुगाबे से बातचीत
२ जुलाई २००८विपक्षी एमडीसी के नेता मॉर्गेन च्वांगेराई ने राष्ट्रीय एकता की सरकार को कोशिशों को खारिज किया है. बुधवार को हरारे में उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मुगाबे से बातचीत नहीं की जा सकती है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में च्वांगेराई ने कहा कि कोई भी बातचीत तब तक अर्थहीन है जब तक अफ्रीकी संघ मध्यस्थता की कोशिशों में मदद के लिए अपना एक विशेष स्थाई दूत नहीं भेजता. इससे पहले जिम्बाब्वे के सूचना मंत्री सिखानयीसो न्डलोवू ने कहा कि वह राष्ट्रीय एकता वाली सरकार बनाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और इसके लिए मौजूदा सरकार किसी से भी बात करने को तैयार है. रविवार को अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में मुगाबे ने कहा था कि जिम्बाब्वे के लिए यह मतभेदों को भुलाकर एक साथ मिलकर काम करने का समय है. जिम्बाब्वे के सूचना मंत्री ने कहा है कि अफ्रीकी संघ के प्रस्ताव से मुगाबे की बात की ही पुष्टि होती है.
मिस्र में हुए दो दिन के अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन में जिम्बाब्वे का मुद्दा ही छाया रहा. खासकर केन्या के प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा ने तो यहां तक कह दिया कि जब तक मुगाबे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते, उन्हें अफ्रीकी संघ से निलंबित कर दिया जाना चाहिए. पिछले शुक्रवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में मुगाबे ने जीत दर्ज की थी. विपक्षी नेता मॉर्गेन च्वांगेराई के चुनाव से हट जाने के बाद मुगाबे ही दूसरे दौर के चुनाव में अकेले उम्मीदवार थे.
इस बीच जिम्बाब्वे में मध्यस्थता कर रहे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थाबो एम्बेकी ने कहा है कि जिम्बाब्वे संकट का कोई बाहरी हल उस पर न थोपा जाए. इससे पहले यूरोपीय संघ के नए अध्यक्ष फ्रांस ने कहा था कि वह जिम्बाब्वे में ऐसी सरकार को ही मान्यता देगा जिसका नेतृत्व च्वांगेराई के हाथ में हो.
राष्ट्रीय एकता की सरकार के लिए बातचीत पर मुगाबे सरकार के सकारात्मक संकेतों के बावजूद कई लोगों को इसमें शक है कि मुगाबे और च्वांगेराई के बीच कोई समझौता हो पाएगा. कभी मुगाबे के समर्थक रहे सेनेगल के राष्ट्रपति अब्दुलाए वादे ने कहा है कि मुगाबे च्वांगेराई की पार्टी एसडीसी के साथ सत्ता साझेदारी को लेकर गंभीर नहीं दिखते हैं.