चैंपियन पर्वतारोहियों की मौत की आशंका
१९ अप्रैल २०१९तीनों पर्वतारोही कनाडा में रॉकीज पर्वत श्रृखंला की हावज चोटी पर फतह करने निकले थे. शेड्यूल तय था लेकिन पूरा नहीं हो सका. तीनों के निर्धारित समय पर चोटी पर न पहुंचने के कुछ घंटों बाद राहत और बचाव कर्मियों ने हेलिकॉप्टर के जरिए चक्कर लगाए. इस दौरान रेस्क्यू टीम को हिमस्खलन के सबूत मिले. बर्फ के मलबे में पवर्तारोहियों के औजार भी दिखे. खतरनाक परिस्थतियों और हिमस्खलन के जोखिम के चलते राहत और बचाव का अभियान रोकना पड़ा. आने वाले कुछ दिनों तक मौसम के लगातार खराब रहने की संभावना है.
आउटडोर एक्टिविटी के लिए कपड़े बनाने वाली मशहूर अमेरिकी कंपनी द नॉर्थ फेस ने तीनों पर्वतारोहियों की पहचान डेविड लामा, हंसयोर्ग ऑयर और जेस रॉसकेली के रूप में की है. कंपनी तीनों की स्पॉन्सर है. लामा और ऑयर ऑस्ट्रिया के हैं. रॉसकेली अमेरिकी पर्वतारोही हैं.
तीनों चोटी की पूर्वी ढाल पर चढ़ने के दौरान लापता हुए. हावज चोटी के पूर्वी हिस्से को दुर्गम और खतरनाक चढ़ाई बताया जाता है. मिश्रित पत्थरों और चट्टानों से भरे उस रास्ते में कड़ी हो चुकी बर्फ भी रहती है. इस हिस्से से चढ़ाई करने की इजाजत सिर्फ एंडवांस अल्पाइन माउंटेनियरिंग में दक्ष पर्वतारोहियों को ही दी जाती है.
हावज पीक 3,295 मीटर ऊंची चोटी है. ऊंचाई के लिहाज से यह बहुत ही कम है. लेकिन बर्फ, खड़ी चढ़ाई और फिसलन भरे हालात इसे दुश्वार बनाते हैं. सुरक्षा विशेषज्ञ स्टीव होलक्जी के मुताबिक, तीनों ने जो रूट लिया, उसका इस्तेमाल शायद ही किया जाता है. हेलिकॉप्टर से मुआयना करने के बाद होलक्जी ने कहा कि हिमस्खलन इतना ताकतवर लगता है कि वह एक छोटी इमारत को ध्वस्त कर सकता है.
चैंपियन पर्वतारोही
36 साल के जेस रॉसकेली के पिता जॉन रॉसकेली भी मशहूर पर्वतारोही हैं. जेस ने 2003 में मात्र 20 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट की चोटी छुई थी. ऐसा करने वाले वह अमेरिका के सबसे युवा पर्वतारोही बने.
28 साल के डेविड लामा भी पर्वतारोहियों के परिवार से हैं. उनके पिता नेपाल में माउंटेन गाइड थे. बचपन में ही पिता ने डेविड के भीतर छुपी पर्वतारोहण की प्रतिभा को पहचान लिया. किशोरावस्था तक आते आते डेविड ने पर्वतारोहण के कई मुकाबले जीत लिए. चिली और पाकिस्तान की सबसे दुश्वार चोटियों पर भी डेविड लामा चढ़ गए. नेपाल की नीलगिरी साउथ चोटी को दक्षिणी दिशा से फतह करने वाले वह पहले पर्वतारोही बने.
बर्फीले पहाड़ों से मुहब्बत करने वाले तीन पर्वतारोहियों का दल अब रॉकीज में लापता हैं. पर्वतारोहियों का समुदाय मायूस हो रहा है. वक्त बीतने के साथ इस बात की आशा भी कम होती जा रही है तीनों पहाड़ से जिंदा लौटेंगे.
(पर्वतारोहियों को डराने वाली चोटियां)
ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी)