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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप की मनोनीत जज की नियुक्ति

२७ अक्टूबर २०२०

अमेरिकी सीनेट ने एमी कोनी बैरेट की सोमवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति की पुष्टि कर दी. इसे अमेरिकी न्यायपालिका के लिए एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.

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USA | Donald Trump und Amy Coney Barrett
तस्वीर: Jonathan Ernst/Reuters

सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों ने डेमोक्रेट सांसदों को हराते हुए अदालत में संभवतः एक लंबे समय के लिए कंजर्वेटिव बहुमत सुनिश्चित करा लिया. बैरेट को उदारवादियों की आइकन दिवंगत जज रुथ बेडर गिंसबर्ग की मृत्यु के बाद सुप्रीम कोर्ट में रिक्त हुए पद को भरने के लिए ट्रंप ने मनोनीत किया था.

जीवनकाल के लिए नियुक्त हुई 48 वर्षीय बैरेट सुप्रीम कोर्ट की 115वीं जज बन गई हैं. वो मंगलवार से काम शुरू कर पाएंगी. उनकी नियुक्ति की पुष्टि के बाद संभव है कि अब गर्भपात, सस्ती स्वास्थ्य सेवा और खुद ट्रंप के निर्वाचन जैसे मामलों पर फैसलों के एक नए युग की शुरुआत हो सकती है. वो सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप द्वारा मनोनीत तीसरी जज बन गई हैं.

व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में उनके शपथ-ग्रहण समारोह में ट्रंप ने कहा, "यह अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है." करीब 200 लोगों की उपस्थिति में जस्टिस क्लैरेंस थॉमस ने बैरेट को संविधान की शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद बैरेट ने कहा कि वो मानती हैं कि "एक जज का काम है कि वो नीतियों को लेकर अपनी पसंद से प्रभावित ना हो" और वो "अपना काम बिना किसी डर या पक्षपात के" करेंगी.

USA I Senat Anhörung Amy Coney Barrett
चुनावों से ठीक एक सप्ताह पहले कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला लंबित है और बैरेट का मत इनमें से कई मामलों में निर्णायक साबित हो सकता है.तस्वीर: Jim Lo Scalzo-Pool/AFP

अहम समय में नियुक्ति

यह पहली बार था जब राष्ट्रपति चुनाव के इतनी करीब सुप्रीम कोर्ट में किसी जज की नियुक्ति हुई. यह अमेरिका के आधुनिक इतिहास में पहली बार था जब अल्पसंख्यक पार्टी ने राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत जज को जरा भी समर्थन ना दिया हो. 

डेमोक्रेट सांसदों ने कई हफ्तों तक यह कहा कि उनकी नियुक्ति पर मतदान में गलत तरह से जल्दबाजी की जा रही है. यहां तक की रविवार को पूरी रात जिरह करते हुए उन्होंने ने जोर दे कर कहा कि रिक्त पद को भरने के लिए किसी का नाम मनोनीत करने का अधिकार उसे मिलना चाहिए जो तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में अपनी जीत दर्ज करे.

चुनावों से ठीक एक सप्ताह पहले कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला लंबित है और बैरेट का मत इनमें से कई मामलों में निर्णायक साबित हो सकता है. इनमें नार्थ कैरोलाइना और पेंसिल्वेनिया राज्यों में ऐब्सेंटी बैलट की समय सीमा बढ़ाना और ट्रंप की इमरजेंसी अपील कि मैनहैटन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को उनके आयकर रिटर्न हासिल करने से रोका जाए शामिल हैं. 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में ओबामा युग के अफोर्डबल केयर कानून पर भी सुनवाई होनी है, जिसे ट्रंप के कहने पर चुनौती दी गई है. 

सीके/एए (एपी)

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