चुनावों से पहले क्या सोच रहे हैं भारतीय
अमेरिकी थिंक टैंक पीयू रिसर्च के हालिया सर्वे बताते हैं कि भारतीयों के लिए बेरोजगारी और महंगाई दो सबसे अहम मुद्दे हैं. वहीं आम लोग सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाली जानकारी को लेकर चिंतित भी है.
सबसे बड़े मुद्दे
सर्वे में शामिल करीब 76 फीसदी भारतीय मानते हैं कि देश में रोजगार की कमी अब भी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. इसके बाद लोगों को महंगाई, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, अपराध जैसे मुद्दे सताते हैं. लोग यह भी मानते हैं तमाम दावों के बावजूद देश में अमीर-गरीब के बीच पैदा खाई और सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए ज्यादा कुछ काम नहीं किया गया है.
नेता हैं भ्रष्ट
सर्वे के नतीजे बताते हैं कि अधिकतर भारतीय नेताओं को भ्रष्ट मानते हैं. सर्वे में हिस्सा लेने वाले करीब 64 फीसदी लोगों ने कहा कि नेता भ्रष्ट होते हैं. इतना ही नहीं 58 फीसदी भारतीय मानते हैं कि कोई भी पार्टी या नेता चुनाव जीत जाए लेकिन हालात नहीं बदलेंगे.
लोकतंत्र अच्छा
नेताओं से निराशा के बावजूद भारतीय मानते हैं कि देश में अन्य लोकतांत्रिक मूल्यों को जगह मिलती है. 47 फीसदी लोग मानते हैं कि भारतीय न्यायपालिका सभी के साथ समान व्यवहार रखती है. हालांकि 54 फीसदी लोग ही भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था से संतुष्ट हैं, वहीं कुछ लोग इस व्यवस्था के प्रति असंतुष्टि भी जाहिर करते हैं.
पाकिस्तान से चिंता
सर्वे में शामिल 76 फीसदी भारतीयों ने कहा कि पाकिस्तान उनके देश के लिए बड़ा खतरा है, जिसमें से 63 फीसदी इसे बहुत गंभीर खतरा मानते हैं. यह सोच ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों ही जगह नजर आती है. वहीं 65 फीसदी लोग मानते हैं कि भारत में आतंकवाद भी एक बहुत बड़ी समस्या है.
कश्मीर पर नजरिया
कश्मीर मुद्दे पर 55 फीसदी भारतीयों ने कहा कि ये बहुत बड़ी समस्या है. वहीं 53 फीसदी मानते हैं कि पिछले पांच सालों में कश्मीर मुद्दा बिगड़ता गया है. कश्मीर से जुड़े एक अन्य सवाल पर 58 फीसदी लोगों ने कहा कि भारत सरकार को कश्मीर में बनी तनाव की स्थिति से निपटने के लिए अधिक सैन्य बल का प्रयोग करना चाहिए.
इंटरनेट का इस्तेमाल
सर्वे में हिस्सा लेने वाले 80 फीसदी भारतीय कहते हैं कि उनके पास मोबाइल फोन है या वह किसी अन्य के मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. 81 फीसदी यूजर्स कहते हैं कि मोबाइल फोन उनके लिए समाचार पाने का बड़ा जरिया है. लेकिन राजनीति पर मोबाइल फोन पर आने वाली खबरों का क्या असर होगा इस पर राय बंटी हुई है.
मोबाइल पर शक
बीजेपी को समर्थन देने वाले 49 फीसदी वयस्क तो कांग्रेस के 33 फीसदी समर्थक मानते हैं कि मोबाइल फोन का राजनीति में सकारात्मक प्रभाव होता है. वहीं 77 फीसदी मानते हैं कि वे मोबाइल पर आने वाली जानकारी के सही या गलत होने पर कुछ हद तक चिंता होती है. लेकिन इनमें से 45 फीसदी इस मुद्दे पर काफी चिंतित हैं.
लोकप्रिय सोशल मीडिया
सर्वे में कुल सात सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्मों को शामिल किया गया. नतीजे बताते हैं कि व्हट्सऐप (29 फीसदी) और फेसबुक (24 फीसदी) का भारतीय सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. हालांकि एक बड़ा तबका अब भी सोशल मीडिया से दूर है इसके बावजूद 1.3 अरब लोगों के देश में फेसबुक और व्हट्सऐप के सबसे अधिक यूजर्स हैं.
सर्वे में शामिल
पीयू रिसर्च सेंटर के इस सर्वे में करीब 2,521 भारतीयों को शामिल किया गया था. यह सर्वे साल 2018 में 23 मई से 23 जुलाई के बीच करवाया गया.