चीनी सेना में जाना है तो ये छोड़ना पड़ेगा
२४ अगस्त २०१७पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रमुख ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भर्ती करने वाले आवेदक चुस्त दुरुस्त और बेहतर स्थिति में हों आखिरकार उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी फौज में शामिल होना है. इस महीने सेना के अखबार पीएलए डेली ने सोशल मीडिया पर उन 10 कारणों की सूची दी है जिनके कारण लोग सेना में दाखिल होने की पहली सीढ़ी पर ही खारिज कर दिये जाते हैं. इस सूची के मुताबिक 20 फीसदी उम्मीदवार जरूरत से ज्यादा वजनी होने के कारण सेना में नहीं जा पाते हैं. इसके साथ ही आठ फीसदी लोगों की नाकामी के पीछे उनके अण्डाशय की नस का बढ़ा होना कारण है.
अखबार ने यह नहीं बताया कि सेना के कितने अधिकारी इस नस वाली समस्या के बारे में जानते हैं, लेकिन उसका कहना है कि यह समस्या ज्यादा हस्तमैथुन करने, बहुत समय वीडियो गेम खेलने में बिताने और कसरत, व्यायाम नहीं करने से होती है. शरीर पर बहुत ज्यादा बड़े टैटू भी सेना को पसंद नहीं आते. इसके साथ ही बहुत ज्यादा शराब पीने वाले लोग भी लिवर की समस्या के कारण सेना में भर्ती नहीं हो पाते हैं. पीएलए डेली का कहना है कि एक शहर में आमतौर पर आधे से ज्यादा लोग शारीरिक जांच में नाकाम रहने के कारण सेना में नहीं जा पाते हैं.
चीन की सरकार का कहना है कि पीएलए के मानक काफी ऊंचे हैं. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, "चीनी सेना की भर्ती प्रक्रिया में काफी सख्त नियम और कार्यप्रणाली है. हमारे भर्ती किये सैनिकों की गुणवत्ता पक्की होती है और हमारी सेना का सिर हमेशा ऊंचा और मजबूत रहता है." हालांकि इसके बाद भी चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले इस खबर पर मजे लेने से नहीं चूक रहे. चीन का ट्विटर कहे जाने वाले सोशल साइट वाइबो पर एक यूजर ने लिखा है, "रोज रोज कंप्यूटर या फोन पर ऑनलाइन होना, देर रात तक गेम खेलना और हस्तमैथुन करना, ये बड़ा अजीब होगा अगर वो सचमुच स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं." एक और यूजर ने इस मुद्दे पर गंभीरता से कहा, "आज कल के युवा इतनी आसानी से जी रहे है कि वो काउच पोटैटो में तब्दील हो रहे हैं."
ऐसा नहीं कि सेना के अखबार ने पहली बार आधुनिक जीवनशैली पर कुछ कहा हो. इसके पहले इसी अखबार ने कहा था कि अधिकारी, युवा सैनिकों के ऑनलाइन गेम किंग ऑफ ग्लोरी में खोये रहने से इतने परेशान हैं कि उन्हें असली जंग की ओर ध्यान दिलाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. पीएलए डेली ने चेतावनी देते हुए कहा था, "एक बार अगर किसी सैनिक को गेम से हटाकर जरूरी ड्यूटी पर लगाया जाता है तो उसका वहां मन नहीं लगता और वह गेम की यादों में ही खोया रहता है."
2012 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने युद्ध करने के लिए तैयार मजबूत सेना बनाने की जरूरत बताई थी. इसके साथ ही वह ये भी कोशिश कर रहे थे कि कम्युनिस्ट पार्टी का इस पर नियंत्रण हो. चीन की सेना के बजट में बीते कई सालों से दो अंकों का इजाफा किया गया. केवल बीता साल ही इस लिहाज से अपवाद रहा जब सेना के बजट को केवल 7.6 फीसदी बढ़ाया गया.
एनआर/एमजे (एएफपी)