"चीनी सामान खरीदना मतलब दुश्मन की मदद करना"
१७ अक्टूबर २०१६गोवा में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के ठीक बाद रामदेव का चीन विरोधी बयान सामने आया है. उन्होंने ट्वीट किया, "चीन ने हमेशा हमें धोखा दिया है. चीनी समान को खरीदना दुश्मन की मदद करने जैसा है. हर राष्ट्रवादी भारतीय को चीनी समान का बहिष्कार करना चाहिए.”
चीन भारत का बड़ा आर्थिक साझेदार है, लेकिन वह पाकिस्तान का करीबी दोस्त भी रहा है और उड़ी हमले के बाद भारत में चीन के खिलाफ भी कई लोग सोशल मीडिया पर गुस्सा जताते रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी चरमपंथी मसूद अहजर के खिलाफ प्रतिबंध लगवाने की भारत की कोशिशों पर चीन आपत्ति कर चुका है. इसके बाद कई लोग चीनी समान के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं.
लेकिन रामदेव के बयान का मकसद अपनी कंपनी पतंजलि को उत्पादों को बढ़ावा देना भी हो सकता है, जिसने हाल के सालों में कई तरह के उत्पाद भारतीय बाजार में उतारे हैं. कई लोगों ने ट्विटर पर रामदेव से कहा है कि वे चीनी समान का बहिष्कार तो करें दें लेकिन भारत में सस्ते चीनी समान का कोई विकल्प नहीं है.
ट्विटर हैंडल @faizanhonesty से रामदेव के बयान पर सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि वो अडानी के बारे में क्या सोचते हैं जो अब भी पाकिस्तान के साथ बिजनेस कर रहे हैं.
निजार लिखते हैं कि जनता पर क्यों जिम्मेदारी डाली रही है, खुद सरकार की भारतीय बाजार में चीनी समान के दाखिल होने पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती?
कुछ लोगों ने रामदेव के बयान पर चुटकी भी ली है.
वहीं रामदेव का समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं है.
प्रवीण खंडेलवाल नाम के एक यूजर ने लिखा है कि चीन को मजबूत संदेश देना ही होगा.