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समाज

चीन में रोबोट आकर कह रहे हैं, 'ऑर्डर प्लीज़'

६ अगस्त २०१८

कितना दिलचस्प होगा यह देखना जब आप एक रेस्तरां में जाएं और एक नन्हा रोबोट खिदमत में हाजिर हो. वेटर के बजाय रोबोट खाने का ऑर्डर ले और गर्मागर्म खाना परोसे. ऐसे अत्याधुनिक रेस्तरां की शुरुआत हो गई है.

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CHINA Roboter ersetzen Kellner in chinesischem Restaurant in Schanghai
तस्वीर: Getty Images/AFP

ई-कॉमर्स के दिग्गज अलीबाबा ने चीन के सर्विस सेक्टर में बदलाव करने की ठानी है. इसकी शुरुआत रेस्तरां में रोबोटिक वेटर से हुई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से रोबोट को इस तरह बनाया जाएगा कि वह रेस्तरां के हर पहलू से वाकिफ हो. ऐसा कुल लागत को कम करने के मकसद से किया गया है. अलीबाबा के प्रोडक्ट मैनेजर साओ हैताओ के मुताबिक, ''शंघाई में एक वेटर की तनख्वाह 10 हजार युआन यानी 1500 डॉलर प्रति महीने आती है. हर रेस्तरां को कम से कम दो शिफ्ट के हिसाब से वेटर रखने पड़ते हैं. रोबोट के आने से लागत में कमी आएगी और दो शिफ्ट का खर्च भी बचेगा क्योंकि ये रोबोट ही सारा दिन काम करेंगे.''

CHINA Roboter ersetzen Kellner in chinesischem Restaurant in Schanghai
चीन में अलीबाबा के सुपरमार्केट चेन हेमा के नजदीक रोबोटिक रेस्तरां को बनाया जाएगा.तस्वीर: Getty Images/AFP

ये रेस्तरां अलीबाबा के सुपरमार्केट चेन हेमा के नजदीक होंगे. फिलहाल चीन के 13 शहरों में 57 हेमा मार्केट हैं जहां रोबोटिक रेस्तरां खोले जाने की तैयारी है. वहीं, अलीबाबा के प्रतिद्वंद्वी जेडी डॉट कॉम ने भी 2020 तक एक हजार ऐसे रेस्तरां खोलने का ऐलान किया है जहां रोबोट खाना परोसेंगे.

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अलीबाबा का तकनीक को लेकर किया जा रहा यह प्रयोग कितनी लागत बचाएगा, इसे लेकर बहस जारी है. विशेषज्ञों का सवाल है कि चीन में मजदूरी पहले से ही कम है, ऐसे में रोबोट का इस्तेमाल कितना जरूरी होगा? हालांकि सरकार पुलिस महकमे के लिए फेशियल रिकग्निशन टेक्नॉलजी (चेहरा पहचानने की तकनीक) आदि का प्रयोग करने पर जोर दे रही है जिससे कानून तोड़ने वालों का आसानी से पता लगाया जा सके.

चीन में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिल रहा है और फार्मेसी, बुकस्टोर या अन्य दुकानों पर कैशियर के बजाय लोग खुद ही कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं. कुछ जगहों पर इंसानों के बजाय रोबोट को लोगों की मदद के लिए रखा गया है.

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ई-कॉमर्स के जेडी डॉट कॉम ने ड्रोन के जरिए डिलिवरी कराना भी शुरू कर दिया है. रिटेल एक्सपर्ट जैसन डिंग के मुताबिक, ''सारी कंपनियां अपने कामकाज करने के तरीके में बदलाव ला रही हैं. इसका मकसद कम लागत में बेहतर सेवाएं मुहैया कराना है. ये मशीनें यह लक्ष्य पूरा करने में सक्षम हैं.''

रोबोटिक रेस्तरां में बुकिंग के लिए लोग मोबाइल ऐप का सहारा ले रहे हैं. मा याइवेन नामक चीनी महिला बताती हैं, ''दफ्तर में लंच ब्रेक के दौरान दोस्तों के साथ किसी अच्छी जगह खाना खाने का मन होता है. रोबोट वेटर के बारे में सुना तो हमने मोबाइल ऐप से टेबल बुक की और यहां आ गए. किसी रोबोट को खाना परोसते देखना सभी के लिए रोमांचक अनुभव था.''

रोबोट करेंगे सामान की डिलीवरी

रोबोट रेस्तरां में खाने-पीने का दाम कम हैं. एक अन्य कस्टमर मा शेनपेंग बताती हैं कि आम तौर पर दो-तीन लोगों के खाने का बिल औसतन 300 से 400 युआन आता है जबकि इस रेस्तरां में सिर्फ 100 युआन आया, जो हैरान करने वाला है. 

एक तरफ चीनी सरकार की कोशिश है कि सर्विस सेक्टर को नौकरी देने वाली इंडस्ट्री के रूप में विकसित किया जाए, वहीं नई तकनीक उस पर ग्रहण लगाने का काम कर रही है. रोबोट के सर्विस सेक्टर में आने से लोगों को अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है.

शंघाई की जिआओटॉन्ग यूनिवर्सिटी में रोबोटिक्स के प्रोफेसर वान्ग हेशनेग कहते हैं, ''अब भी रोबोट की कुल लागत ज्यादा है, लेकिन जिस तरह से मजदूरी बढ़ रही है, हो सकता है कि भविष्य में रोबोट इंसानों को उनके नौकरी से हटा दे.''

वीसी/आईबी (एजेके/डीएमए)

तो क्या रोबोट छीन लेंगे ये नौकरियां?