चीन ने बनाया अफ्रीका का सबसे लंबा झूलता पुल
मोजाम्बिक की राजधानी मापुतो को काटेंबे शहर से जोड़ने के लिए बना पुल एक साल की देरी से मगर शुरू हो गया है. इस परियोजना के लिए चीन ने पैसा दिया है.
680 मीटर लंबा पुल
पुल की पूरी संरचना तीन किलोमीटर लंबी है. इसमें उत्तर और दक्षिण की दिशा में दो छोटे पुल भी शामिल हैं. चीन की सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों में से एक चायना रोड एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन ने इसे डिजाइन करने के साथ ही बनाया भी है. निर्माण की गुणवत्ता की निगरानी जर्मन इंजीनियरिंग कंपनी गॉफ ने की है.
मापुतो की ओर उत्तरी भाग
उत्तर दिशा में पुल मोजाम्बिक की राजधानी मापुतो की ओर जाता है. इस पुल को पहले 2017 में बनाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन नवंबर 2018 तक निर्माण चलता रहा. 141 मीटर के दो खंभे पुल को आकार देते हैं और इन्हीं पर दोनों तरफ 170,000 टन का वजन झूलती हुई रस्सियों के सहारे टिका है.
दक्षिण में काटेंबे
यह पुल राजधानी को दक्षिण की ओर मापुतो बे और काटेंबे शहर से जोड़ता है. हिंद महासागर के साथ चलती सड़क दक्षिण अफ्रीकी सीमा की ओर ले जाती है. पुल को जाने वाली इस सड़क को भी बजरी की बजाय डामर से बना दिया गया है. दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलू नाटल प्रांत तक अब जल्दी पहुंचा जा सकता है.
कुछ हिस्से चीन में बने
पुल की सड़क चीन में 12 मीटर लंबे टुकड़ों में बनाई गई है. इसके बाद इन्हें मापुतो ला कर जोड़ा गया है. पुल का मध्य हिस्सा 25 मीटर चौड़ा है और पानी से करीब 40 मीटर की उंचाई पर है. बड़े जहाज इसके नीचे से आसानी से गुजर सकते हैं. पुल पर कुल खर्च करीब 72 करोड़ अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है.
विवादित इलाके
उत्तर की तरफ पुल के नीचे आने वाले एवेनीदे 24 जे जुल्हो की जगह के कारण पुल के निर्माण में कई महीने की देरी हुई. इस जगह पर न्वाकाकाना मार्केट था और दुकानदारों ने पहले इस जगह से हटने से इनकार कर दिया. इसके अलावा सरकारी निर्माण कंपनी और मापुतो शहर के बीच भी विवाद था कि मुआवजा कौन देगा.
निर्माण की वजह से विस्थापन
पुल की जगह बनाने के लिए लोगों को इस इलाके से दूर जाना पड़ा. बहुत से परिवार मोजाम्बिक के गृहयुद्ध के दौरान भाग कर आए थे और उन्होंने यहां शरण ली थी. उन्होंने अंत में मुआवाजा स्वीकार कर लिया और पड़ोस के शहर मोआम्बा चले गए. इसके बाद पुल का निर्माण बिना रुके चलने लगा.
फेरी सेवा की अब जरूरत नहीं
मापुतो बे को पार करने के लिए अब तक फेरी सेवाओं पर निर्भरता थी. जब फेरी नहीं होती थी तो लोगों को सड़क के रास्ते से 100 किलोमीटर लंबे रास्ते से उस पार जाना पड़ता था. अब पुल की वजह से लोगों के लिए पुल मापुतो बे को पार करना काफी आसान हो गया है.
काटेंबे हार्बर
खाड़ी के एक तरफ काटेंबे हार्बर है लेकिन यह बहुत सुविधाजनक नहीं है. सुरक्षा वजहों से केवल कारों और छोटी गाड़ियों को ही फेरी के जरिए खाड़ी के पार ले जाया जा सकता है. भारी ट्रकों को इस तरह से ले जाने पर पूरी तरह से रोक है और उन्हें राजधानी तक पहुंचने के लिए लंबे रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता था.
टोल
मोजाम्बिक की सरकार निर्माण के खर्चे का कुछ हिस्सा टोल लगा कर वसूल करना चाहती है. टोल की दर 2.60 डॉलर से लेकर करीब 20 डॉलर के बीच है. यहां की मशहूर मिनीबसों के लिए टोल की दर में 75 फीसदी की छूट का प्रावधान किया गया है.
आलोचना
आलोचकों का कहना है कि निर्माण की दूसरी परियोजनाओं को इस पुल से पहले पूरा किया जाना चाहिए था. मोजाम्बिक में निर्माण की ज्यादातर परियोजनाएं मापुतो में चल रही हैं जबकि देश के मध्य और उत्तरी इलाके पीछे छूट गए हैं. बहुत से इलाके ऐसे हैं जहां मोजाम्बिक की बड़ी आबादी रहती है लेकिन वहां सड़क तक नहीं है.