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चीन-यूरोप निवेश संधि संकट में

५ मई २०२१

यूरोपीय आयोग ने चीन के साथ प्रस्तावित निवेश संधि को आगे बढ़ाने की कोशिशों को कम कर दिया है. चीन ने यूरोपीय संघ के पांच सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं और संभव है कि ऐसे में संघ के सांसद संधि को स्वीकार ना करें.

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Belgien l Online-Gipfel zum Investitionsabkommen zwischen EU und China
तस्वीर: Dursun Aydemir/AA/picture-alliance

आयोग ने एक बयान में कहा है कि चीनी निवेश पर व्यापक संधि (सीएआई) को यूरोपीय संघ और चीन के बीच हो रही दूसरी घटनाओं से अलग नहीं किया जा सकता है. आयोग ने बयान में कहा कि संघ के सांसदों के खिलाफ प्रतिबंध लगाना "अस्वीकार्य और खेदजनक" है. आयोग ने यह भी कहा, "सीएआई के अनुसमर्थन के आसार अब इस पर निर्भर हैं कि स्थिति कैसे आगे बढ़ती है."

इसके पहले संघ के व्यापार प्रमुख वाल्दिस दोमब्रोव्सकीस ने कहा था कि आयोग ने "एक तरह से" राजनीतिक प्रसार की गतिविधियां रोक दी हैं और यह भी कि संधि के अनुसमर्थन के लिए इस समय सही वातावरण नहीं है. संधि पर सहमति 2020 के अंत में ही हुई थी और तब संघ ने उसे चीन के बाजारों तक यूरोपीय कंपनियों की पहुंच बेहतर बनाने और असंतुलित आर्थिक रिश्तों को सुधारने का जरिया बताया था.

Belgien l Videokonferenz zu Investitionsabkommen zwischen EU und China
दिसंबर 2020 में इसी बैठक में चीन और यूरोपीय संघ के बीच निवेश संधि पर हस्ताक्षर हुए थे.तस्वीर: Johanna Geron/AP/picture-alliance

लेकिन चीन के मानवाधिकार और श्रम-अधिकार रिकॉर्ड पर चिंताओं और अमेरिका के संशयों की वजह से संधि को स्वीकार किए जाने की प्रक्रिया पर अनिश्चितता के बादल छा गए थे और उसके बाद चीन ने जैसे को तैसा कदम उठाते हुए यूरोपीय संघ के पांच सांसदों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. इस समय यूरोपीय आयोग संधि की कानूनी समीक्षा कर रहा है और उसका संघ की भाषाओं में अनुवाद करवा रहा है. संभव है कि 2022 से पहले संसद उसकी समीक्षा ना कर पाए.

दोमब्रोव्सकीस ने इस बात को माना है कि सोशल डेमोक्रैट और ग्रीन पार्टी के सांसदों के विरोध के बीच यूरोपीय संसद में स्वीकारे जाने के लिए सीएआई को संघर्ष करना पड़ेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल संधि का समर्थन करते हैं, लेकिन संधि का अनुसमर्थन सितंबर में जर्मनी में होने वाले चुनावों के बाद ही हो पाएगा और अब तक मैर्केल सत्ता से जा चुकी होंगी. इस से काफी फर्क पड़ सकता है, खास कर अगर जर्मनी की अगली सरकार में ग्रीन पार्टी मौजूद हो.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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