चीन के यात्री विमान ने भरी पहली उड़ान
दुनिया भर के आकाश में एयरबस और बोइंग के विमानों का ही बोलबाला है. लेकिन चीन का यात्री विमान अब इन कंपनियों को टक्कर देने के लिए टेक ऑफ कर चुका है.
सी919
चीन में बनाये गये मध्यम दूरी के इस यात्री विमान को सी919 नाम दिया गया है. सी919 ने 5 मई को शंघाई के पुदोंग एयरपोर्ट से पहली परीक्षण उड़ान भरी. करीब 80 मिनट बाद विमान सकुशल शंघाई एयरपोर्ट पर वापस उतरा.
कैसी थी टेस्ट फ्लाइट
पहली उड़ान के दौरान विमान में पांच पायलटों और इंजीनियरों की टीम सवार थी. टीम ने सुरक्षा कारणों के चलते विमान को सिर्फ 3,000 मीटर की ऊंचाई तक ही उड़ाया. आम तौर पर यात्री विमान 10 से 12 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं.
लो ग्राउंड स्पीड फ्लाइट
टेस्ट फ्लाइट के दौरान सी919 की स्पीड 300 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. इतनी कम स्पीड पर विमान को उड़ाना आसान नहीं होता. लेकिन धीमी उड़ान के दौरान पता चलता है कि कोई विमान हवा में कैसा व्यवहार कर रहा है.
एयरबस और बोइंग से मुकाबला
कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ चाइना के इस दो इंजन वाले यात्री विमान का मुकाबला बोइंग 737 और एयरबस ए320 से होगा. चीनी विमान एक बार में 4,075 से 5,555 किलोमीटर लंबी उड़ान भर सकता है. विमान में अधिकतम 175 यात्री सवार हो सकते हैं.
इंजन है विदेशी
सी919 को पूरी तरह चीन में बनाया गया है. इस विमान में फ्रेंच-अमेरिकी कंपनी सीएफएम इंटरनेशनल के इंजन लगे हैं. चाइनीज विमान एयरबस और बोइंग की तुलना में सस्ता हो सकता है.
मिले सैकड़ों ऑर्डर
कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ चाइना को अब तक 500 विमानों के ऑर्डर भी मिल चुके हैं. ऐसे विमानों का सबसे बड़ा खरीदार खुद चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार का सपना
यूरोप के एविएशन सेफ्टी रेगुलेटर ने भी सी919 के सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अगर विमान सर्टिफाइंग में सफल रहा तो वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से बिक सकेगा.
धीरे धीरे एक्सपर्ट
चीन ने 1970 के दशक में देश में वाई-10 नाम का जहाज बनाया था, लेकिन भारी वजन के कारण वह उड़ान नहीं भर सका. लेकिन अब चीन का सपना पूरा होता दिख रहा है. चीन अत्याधुनिक लड़ाकू विमान पहले ही बना चुका है. अब सी919 के जरिये वह नागरिक उड्डन के आकाश में उड़ान भरने को तैयार है.