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चीन अफगानिस्तान में सैनिक नहीं भेजेगा

३० अगस्त २०१८

चीन ने इन रिपोर्टों को खारिज किया है कि वह अफगानिस्तान में सैनिक तैनात करने की योजना बना रहा है. चीन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच सिर्फ सामान्य सैन्य और सुरक्षा सहयोग चल रहा है.

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Parade der Feierlichkeiten zum 60. Jahrestag der Gründung der Volksrepublik China
तस्वीर: Imago/Zumapress

हांगकांग के साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट अखबार के अलावा कई जगह रिपोर्ट छपी कि पूर्वी अफगानिस्तान में एक सैन्य बेस पर चीनी सेना के कई सौ सैनिक तैनात किए जाएंगे. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्लन वु छियान ने इस तरह की रिपोर्टों को 'बेबुनियाद' बताया है. 

चीन की सीमा एक छोटा सा हिस्सा अफगानिस्तान से लगता है. अफगानिस्तान में होने वाली हिंसा और अस्थिरता को लेकर चीन अकसर चिंतित रहा है जिसका असर उसके अशांत शिनचियांग प्रांत पर पड़ता है.

कर्नल वू का कहना है कि चीन दूसरे देशों की तरह रक्षा क्षमताएं बेहतर करने में अफगानिस्तान की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा, "चीन और अफगानिस्तान के बीच सामान्य सैन्य और सुरक्षा सहयोग है."

चीन में अफगानिस्तान के राजदूत जनान मोसाजई ने बताया कि चीन एक पर्वतीय ब्रिगेड बनाने में अफगानिस्तान की मदद कर रहा है ताकि आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत किया जा सके. लेकिन उन्होंने साफ किया कि किसी चीनी सैनिक को अफगानिस्तान में तैनात नहीं किया जाएगा.

चीन अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहता है, जो पश्चिमी जगत के हस्तक्षेप के 17 साल बाद भी गृहयुद्ध में फंसा है. चीन खास कर तालिबान के साथ होने वाली बातचीत में अपनी भूमिका को लेकर दिलचस्पी दिखाता रहा है. पाकिस्तान, ईरान और रूस के साथ मिल कर चीन अपना असर बढ़ा रहा है. हालांकि अब भी अमेरिका अफगानिस्तान पर अरबों डॉलर खर्च कर रहा है.

चीन के इनकार के बावजूद इस क्षेत्र में चीनी सैन्य गतिविधियों की अपुष्ट खबरें मिलती रहती हैं जिनमें वखन कोरिडोर में चीनी सैन्य वाहनों की आवाजाही का पता चलता है. अफगानिस्तान को चीन ने सैन्य मदद के अलावा उपकरण और ट्रेनिंग भी दी है.

दरअसल चीन न सिर्फ अपनी सीमा को सुरक्षित बनाना चाहता है बल्कि वह अफगानिस्तान में मौजूद आर्थिक अवसरों का फायदा भी उठाना चाहता है. अफगानिस्तान में लचर सुरक्षा और बदहाल अर्थव्यवस्था देश की प्रगति का राह में सबसे बड़ा रोड़ा हैं.

एके/एनआर (एपी)

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