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चारा घोटाले के तीसरे मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा

२४ जनवरी २०१८

बुधवार को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारा घोटाले के तीसरे मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को दोषी करार दिया है

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Indien Lalu Prasad Yadav
तस्वीर: imago/Hindustan Times

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने चाइबासा खजाने से 1992-1993 में धोखे से 33.67 करोड़ रुपये निकाले जाने के मामले में फैसला सुनाया है. लालू यादव और अन्य दोषियों पर नकली आवंटन पत्रों के माध्यम से चाइबासा खजाने से 33.67 करोड़ रुपये निकाले का आरोप था. सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में पांच लोगों को दोषी ठहराया और छह को बरी कर दिया. यह चारा घोटाले का तीसरा मामला है जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव को दोषी ठहराया गया है. अदालत ने लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है. 

लालू यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में सजा पाने के बाद से ही रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. चाईबासा मामले में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी. चाइबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये फर्जी ढंग से निकाले गए थे. हालांकि इसका मूल आवंटन 7.10 लाख रुपये का ही था. यह निकासी साल 1992-1993 के बीच हुई थी. अवैध निकासी के इस मामले में दिसंबर 2001 को 76 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी. 

ट्रायल के दौरान ही 14 आरोपियों की मौत हो गई, वहीं तीन आरोपी सरकारी गवाह बन गए. दो आरोपियों ने अपना दोष स्वीकार किया. मामले कुल 56 आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं. इसमें लालू यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा सहित छह नेता शामिल हैं. इसके पहले सीबीआई कोर्ट ने देवघर के सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में भी लालू यादव को दोषी करार दिया था.

आईएएनएस/एए