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कैसे बचेगा दिवालिया होने से साइप्रस

२१ मार्च २०१३

साइप्रस के राजनीतिक दल वित्तीय संकट के चक्रव्यूह से बाहर निकलने का रास्ता खोज रहे हैं तो यूरोपीय बैंक ने साइप्रस की सरकार की छाती पर बंदूक तान दी है. अगर सोमवार तक बचाव पैकेज तय नहीं हुआ तो वह मदद देना बंद कर देगा.

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तस्वीर: Reuters

यूरोपीय संघ की बचाव योजना को संसद द्वारा ठुकराए जाने के बाद साइप्रस की पार्टियों के नेताओं ने संकट से निकलने के लिए एकजुटता फंड बनाना तय किया है. राष्ट्रपति निकोस अनस्तासियादेस के साथ उनकी  मुलाकात के बाद एक प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू करने के तकनीकी और कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. यह तय नहीं है कि इसमें पैसा कौन डालेगा लेकिन चर्च, पेंशन फंड और गोल्ड रिजर्व से इसे भरा जा सकता है.

इस बीच साइप्रस के लिए दिवालिया होने से बचने की कोशिशों के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है. यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने कहा है कि साइप्रस के बैंकों को बचाने के लिए जरूरी धन वह सिर्फ सोमवार तक ही देगा. ग्रीस संकट की लपट में आए साइप्रस के बैंकों को यूरोपीय बैंक इस समय इमरजेंसी लिक्विडिटी एसिस्टेंस के तहत कर्ज दे रहा है. केंद्रीय बैंक सोमवार तक राहत पैकेज तय करने पर जोर दे रहा है तो यूरो ग्रुप के प्रमुख येरून डीसेलब्लूम ने कहा है कि साइप्रस के लिए बैंको में जमा धन पर एक बार के टैक्स से बचने का कोई उपाय नहीं है.

Zypern Krisengespräche beim Präsidenten Anastasiades in Nikosia
तस्वीर: Reuters

डीसेलब्लोम ने यूरो मुद्रा के लिए गंभीर खतरे की भी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "मौजूदा हालत निश्चित तौर पर एक व्यवस्थागत जोखिम पेश करता है और पिछले दिनों की बेचैनी ने इसे साबित किया है." डीसेलब्लोम का कहना है कि साइप्रस की वैकल्पिक योजना राजनीतिक और वित्तीय रूप से टिकाऊ और लागू करने लायक होनी चाहिए.

उधर साइप्रस सरकार को उम्मीद है कि सोमवार तक नई योजना का ढांचा तैयार हो जाएगा. सरकार को कुल 5.8 अरब यूरो का इंतजाम करना है. यूरो ग्रुप के वित्त मंत्रियों ने इसे 10 अरब यूरो की मदद की शर्त बनाया था. यह धन बैंक के ग्राहकों के खातों से आता, लेकिन सरकार ने इस बचाव पैकेज को पास करने से इंकार कर दिया. सरकारी प्रतिनिधियों का कहना है कि नई योजना का लक्ष्य छोटे खाताधारियों के बचत की सुरक्षा है. इसके साथ ही बैंक सेक्टर के पुनर्गठन के अलावा रूस से मदद लेने की भी कोशिश हो रही है. पूंजी पलायन को रोकने के लिए बैंकों को मंगलवार तक बंद कर दिया गया है.

यूरोपीय संघ ने साइप्रस से पूंजी के प्रवाह की निगरानी शुरू करने की मांग की है. यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा, मंगलवार तक साइप्रस को तीन चीजें करनी होगी. संसद द्वारा ठुकराई गई योजना की जगह पर एक विश्वसनीय प्लान बी पेश करना होगा, लंबे समय के लिए पूंजी के आने जाने की निगरानी करनी होगी, और मुश्किल में पड़े दोनों बड़े बैंकों के विलय की तैयारी करनी होगी. उनका कहना है कि ऐसा नहीं होने पर साइप्रस को यूरो से बाहर निकलना पड़ सकता है.

साइप्रस के वित्त मंत्री मिखालिस सारिस ने मॉस्को में सरकारी प्रतिनिधियों से बात की है. साइप्रस की बैंकों में जमा धन का एक तिहाई हिस्सा रूसियों का है. इसलिए बहुत से पर्यवेक्षक बचाव योजना में रूसी भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेद्वेदेव ने कड़ा रुख अपनाने की घोषणा की है और शिकायत की है कि साइप्रस के बैंकों के बंद होने से रूसी दफ्तरों के कई खाते फंसे हैं.

एमजे/एमजी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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