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ग्वांतानामो पर ओबामा ने दोहराई शपथ

१ मई २०१३

ग्वांतानामो की अमेरिकी जेल में बिना सुनवाई के रह रहे कैदी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए सिरदर्द बन रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने पुरानी शपथ दोहराई है कि वो इन जेलों को बंद कराएंगे.

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तस्वीर: picture alliance/Everett Collection

जेल में बंद करीब 100 कैदी सालों से बिना सुनवाई की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं. उन्हें डॉक्टरों की मदद से जबरदस्ती खिलाने की भी आलोचना हो रही है. राष्ट्रपति ओबामा मानते हैं कि इन कैदियों की वजह से अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंच रहा है. ओबामा ने कहा है, "यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा. मेरा मतलब है कि हम एक वीरान जगह पर 100 लोगों को अनंत काल के लिए नहीं रख सकते."

ओबामा ने मौजूदा स्थिति की आलोचना की है. यहां रखे गए ज्यादातर कैदी बिना किसी आरोप या सुनवाई के कैद में हैं. 2002 में क्यूबा के अमेरिकी नौसैनिक अड्डे के पास यह जेल बनाई गई, जहां संदिग्ध विदेशी आतंकवादियों को रखा जाता है. मानवाधिकार गुटों ने जेल को बंद करने की ओबामा की प्रतिबद्धता का स्वागत किया है. हालांकि कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा है कि केवल कहने भर से काम नहीं चलेगा. उनका कहना है कि राष्ट्रपति को संसदीय बाधाओं की परवाह किए बगैर खुद इसके लिए कदम उठाना चाहिए.

Barack Obama
तस्वीर: Getty Images

ग्वांतानामो की जेल को बंद करने की लिए कई उपाय ढूंढने होंगे और इनमें से कुछ के लिए उन्हें सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ेगा. इन कैदियों को जब अमेरिका ले जाने की बात हुई थी तब सांसदों ने इसकी मंजूरी नहीं दी. ओबामा ने पहली बार राष्ट्रपति बनने से पहले बार बार इस जेल को बंद करने की बात कही थी. 2009 में राष्ट्रपति बनने के बाद ओबामा ने अपनी इस नाकामी का ठीकरा सांसदों के सिर फोड़ते हुए कहा कि वो उन्हें इस मुद्दे पर मनाने की फिर कोशिश करेंगे. ओबामा मानते हैं कि इसके लिए लड़ाई कठिन है और उन्होंने कानूनी और राजनीतिक बाधाओं से पार पाने के कुछ खास उपाय भी सुझाए हैं. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने बाद में कहा कि राष्ट्रपति कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. इनमें कैदियों की संख्या पहले घटा कर आखिर में जेल को पूरी तरह से बंद करने का विकल्प भी शामिल है. हेडेन ने बताया कि ओबामा खुद भी कुछ कदम उठा सकते हैं. इनमें विदेश विभाग के किसी नए वरिष्ठ अधिकारी का नाम तय करना भी शामिल है जो कैदियों को वापस उनके देश या फिर किसी तीसरे देश में भेजने पर ध्यान देगा. यह प्रक्रिया काफी दिनों से रुकी पड़ी है और यह पद जनवरी से ही खाली पड़ा है.

कैदियों की भूख हड़ताल फरवरी में शुरू हुई. उसके बाद ओबामा ने ग्वांतानामो के बारे में पहली बार अब बोला है. सेना के अधिकारी इस हड़ताल को कैदियों की हताशा मान रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो इसकी पहले से ही आलोचना होती रही है, लेकिन भूख हड़ताल और जबरदस्ती खिलाने के फैसले ने अमेरिकी नीति में अब तक काफी नीचे चल रहे मुद्दे को प्रमुख बना दिया है. अमेरिकी सेना का कहना है कि 21 कैदियों को उनकी नाक में नली डाल कर तरल खाना दिया जा रहा है. भूख हड़ताल की स्थिति से निपटने के सेना के नियमों का पालन कराने के लिए वहां 40 स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजी गई है.

Demonstration für Schließung von Guantanamo USA
तस्वीर: Reuters

कुछ कैदियों ने जबरदस्ती खाना देने की प्रक्रिया को बहुत भयावह बताया है. स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग और मानवाधिकार गुट भी इसकी आलोचना कर रहे हैं. उधर राष्ट्रपति ने इन कदमों का यह कह कर बचाव किया है कि वो इन कैदियों को मरने नहीं देना चाहते. राष्ट्रपति ने यह भी कहा है, "ग्वांतानामो अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है. यह खर्चीला है, अक्षम है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिहाज से हमें यह दुख पहुंचाता है. इसने हमारे सहयोगियों के साथ आतंकविरोधी कोशिशों में सहयोग को कमजोर किया है. यह चरमपंथियों के लिए नई भर्तियों का एक हथियार भी है."

ओबामा ने सैन्य अदालतों को कुछ बेहद खतरनाक संदिग्धों की सुनवाई करने की मंजूरी दे दी है. हालांकि अब तक केवल 9 वर्तमान कैदियों पर ही या तो आरोप लगे हैं या उन्हें दोषी करार दिया गया है. बाकी कैदियों में से 86 को यहां से ले जाने या रिहा करने के लिए कहा गया है. 47 कैदियों को बेहद खतरनाक मानते हुए उनकी रिहाई पर रोक लगा दी गई है, हालांकि उन पर कोई अभियोग नहीं है और 24 कैदी ऐसे हैं जिन्हें संभावित अभियोजन के लायक समझा गया है. अमेरिकी सरकार अस्थिरता और दुर्व्यवहार की आशंका के कारण कुछ कैदियों को उनके देश वापस नहीं भेजना चाहती. ज्यादातर देश इन कैदियों को तब तक वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं जब तक कि खुद अमेरिकी उन्हें अपने यहां रखने के लिए तैयार न हो जाएं.

ग्वांतानामो जेल रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने शुरू कराया था. यहां ऐसे विदेशी संदिग्ध आतंकवादियों को रखा गया है जिन्हें अमेरिका पर 11 सितंबर के हमले के बाद गिरफ्तार किया गया.

एनआर/एमजे(रॉयटर्स)

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