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गोधरा ट्रेन कांड सोची समझी साज़िशः नानावटी

२५ सितम्बर २००८

गुजरात के गोधरा कांड की जांच कर रहे नानावटी आयोग ने साबरमती एक्सप्रेस जलाए जाने को पूर्वनियोजित साज़िश क़रार दिया है. फ़रवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के कोच में लगी आग से अयोध्या से लौट रहे 58 लोगों की मौत हो गई थी.

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साबरमती एक्सप्रेस में लगाई थी आगतस्वीर: AP

साथ ही गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों में जांच आयोग ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य पुलिस को क्लीन चिट दे दी है. इन दंगों में 1000 लोग मारे गए थे.
नानावटी जांच आयोग ने कहा है कि गोधरा कांड की साज़िश गोधरा के अमन गेस्ट हाउस में रची गई थी.
नानावटी आय़ोग की जांच के निष्कर्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यूसी बनर्जी की उस रिपोर्ट के उलट है, जिसमें उन्होंने कोच में लगी आग को एक हादसा बताया था.
यूसी बनर्जी आयोग का गठन रेल मंत्रालय ने किया था.

Narendra Modi
मोदी को क्लीनचिटतस्वीर: AP

नानावती आयोग के सदस्य और रिटायर्ड जस्टिस अक्षय मेहता ने कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल में कोई मंत्री या फिर किसी पुलिस अधिकारी का गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में कोई हाथ था.

रिपोर्ट के अनुसार दंगा प्रभावित लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने, पीड़ितों को राहत देने में राज्य प्रशासन ने कोई ढिलाई नहीं बरती थी. राहत कार्य राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही हुआ था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगो ने साज़िश रची थी वो राज्य में आतंक फैलाना चाहते थे और प्रशासनिक व्यवस्था को अस्थिर करना चाहते थे.
नानावटी आयोग की रिपोर्ट का पहला अंश आज राज्य विधानसभा में रखा गया. रिपोर्ट के आते ही विपक्ष और ग़ैर सरकारी संगठनों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
उनका आरोप है कि नानावटी आयोग का गठन ही लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया.
गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फ़रवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोग मारे गए थे. इनमें से ज़्यादातर लोग अयोध्या से लौट रहे थे.
इस बात पर विवाद रहा है कि साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने की घटना पूर्वनियोजित थी या फिर महज़ एक हादसा थी.