पूर्वोत्तर के राज्य असम से. बीसवीं सदी की शुरुआत में दुनिया भर में एक सींग वाले केवल 200 गैंडे ही बचे थे. और इनमें सबसे बड़ी संख्या भारत में मौजूद थी. पिछले सौ सालों में इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए गए हैं. इन्हीं का नतीजा है कि आज इनकी संख्या 3,700 से ज्यादा हो चुकी है. असम में एक संस्था गैंडों के मल से कागज बनाती है