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गूगल: चीन ने जीमेल अकाउंट में सेंध लगाई

२ जून २०११

गूगल ने कहा है कि चीन से सायबर जासूसी अभियान के तहत वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों, पत्रकारों और चीनी कार्यकर्ताओं के जीमेल अकाउंट को निशाना बनाया गया है. पासवर्ड चुराकर ईमेल पर नजर रखना मकसद है.

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सैन फ्रांसिस्को में गूगल सुरक्षा टीम के इंजीनियरिंग डायरेक्टर एरिक ग्रॉसे ने अपने ब्लॉग पर लिखा, "हमने एक अभियान का पता लगाया है जिसके चलते यूजर पासवर्ड को इकठ्ठा किया जा रहा है. इसका मकसद लोगों की ईमेल पर नजर रखना है. हैकर चुराए गए पासवर्ड के जरिए लोगों के ईमेल अकाउंट की सेटिंग भी बदल रहे हैं." गूगल के मुताबिक सायबर जासूसी चीन के जिनान शहर में शुरू हुई और इसमें जीमेल ईमेल सेवा का इस्तेमाल करने वाले सैकड़ों लोगों को निशाना बनाया गया है.

चीन की ओर से हुए इस कथित हमले में अमेरिकी सरकारी अधिकारियों, चीन के राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सैन्य अधिकारियों, पत्रकारों और एशियाई देशों के अधिकारियों के जीमेल अकाउंट के पासवर्ड चुराए गए हैं. ग्रॉसे ने लिखा, "गूगल ने इस अभियान का पता लगने के बाद इसे रोक दिया है, प्रभावित लोगों को इस बारे में बता दिया गया है और उनके ईमेल अकाउंट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है."

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निजी ईमेल अकाउंट असुरक्षित

अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि व्हाइट हाउस मामले की जांच कर रहा है, "हम इन रिपोर्टों की तफ्तीश कर रहे हैं और तथ्यों को जुटा रहे हैं. लेकिन यह मानने का कोई आधार नहीं है कि अमेरिकी अधिकारियों के ईमेल अकाउंट तक सायबर जासूस पहुंच गए थे." गूगल ने अपनी चेतावनी में साफ किया है कि निजी जीमेल अकाउंट को निशाना बनाया गया.

कॉन्टेजियो सिक्योरिटी एडवाइजरी का कहना है कि निजी ईमेल अकाउंट की सुरक्षा ज्यादा मजबूत नहीं होती और बिजनेस ईमेल सिस्टम के विपरीत इसमें सेंध लगा कर यूजर की निजी जानकारी जुटाई जा सकती है. "आम तौर पर निजी अकाउंट लोग आराम से घर पर चेक करते हैं और तब वे सुरक्षा के लिए इतने सतर्क नहीं होते."

सायबर जासूस लोगों के पासवर्ड पता करने के लिए उन्हें जीमेल वेब सर्विस जैसी दिखने वाली वेबसाइट पर लॉग इन कराने में सफल हो जाते हैं. उनके लॉग इन करते ही हैकरों को पासवर्ड पता चलता है. इसके बाद हैकर सेटिंग बदल देते हैं और जीमेल अकाउंट में जाकर आने वाली ईमेल को एक दूसरे अकाउंट में फॉरवर्ड करने का विकल्प सक्रिय कर देते हैं. पिछले साल भी गूगल ने चीन से सायबर हमला होने की शिकायत की जिसके बाद उसने सेंसरशिप नियमों को मानने से इनकार कर दिया. अब गूगल हांगकांग के जरिए सर्च इंजन चलाता है जहां सेंसरशिप नहीं है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ईशा भाटिया

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