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गुजरात दंगों पर तहलका

२६ अक्टूबर २००७

गुजरात दंगों पर तहलका की ताज़ा रिपोर्ट से सनसनी फैल गई है। राजनीति भी तेज़ हो गई है और नरेंद्र मोदी की सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है। तहलका ने ये ख़ुलासा ऐसे वक्त में किया है, जब गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

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गुजरात दंगों के काले अध्याय की एक तसवीर
गुजरात दंगों के काले अध्याय की एक तसवीरतस्वीर: AP

तहलका ने एक बार फिर तहलका किया है। गुजरात सरकार पर इसकी ताज़ा रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पुलिस अधिकारियों पर कई सवाल उठ रहे हैं। ख़ुफ़िया कैमरों में क़ैद कई नेता इस बात को क़बूलते दिखाई दे रहै हैं कि गुजरात में 2002 में जो कुछ हुआ, उसके पीछे मुख्यमंत्री मोदी की मिलीभगत थी।

तहलका की ताज़ा रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने बीजेपी और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। रेल मंत्री लालू यादव ने मोदी के ख़िलाफ़ धारा 302 के तहत मुक़दमा दर्ज करने की मांग की है, जबकि वाम पार्टियों ने इस वीडियो फ़ुटेज को मुख्यमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की अपील की है। गुजरात दंगों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

गुजरात दंगों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ एक हज़ार से ज्यादा लोग मारे गए थे। हालांकि ग़ैर सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ मरने वालों की तादाद इससे कहीं ज्यादा थी। ये दंगे साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे को जलाए जाने के बाद शुरू हुए थे। नरेंद्र मोदी उस वक्त भी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और दंगों के अगले साल हुए चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी।